किसानों की बल्ले बल्ले, इन 9 गांवों के लोगों को मिलेगा 593 करोड़ का अतिरिक्त मुआवजा
New Delhi: किसानों के लिए एक खुशखबरी है कि यमुना प्राधिकरण नौ गांवों के किसानों को अगले सप्ताह से अतिरिक्त मुआवजा देने की शुरुआत करेगा। इस बारे में करीब 593 करोड़ रुपये का वितरण किया जाएगा। इस वितरण के लिए गांव में कैंप स्थापित किया जाएगा और प्राधिकरण बोर्ड द्वारा इसकी मंजूरी दे दी गई है। यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में जमीन खरीदने की दर एयरपोर्ट के समान तय की जा चुकी है।
यमुना प्राधिकरण क्षेत्र के गांवों के किसानों को 64.07 प्रतिशत का अतिरिक्त मुआवजा पहले से ही नहीं मिल रहा था। इस मुद्दे पर किसानों द्वारा अदालती कार्रवाई चलाई जा रही थी। इसके पश्चात इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्राधिकरण क्षेत्र के ग्रामों की 80 प्रतिशत से अधिक याचिकाओं को खारिज कर दिया है। इससे अतिरिक्त प्रतिकर देने की प्रक्रिया को सुगम बनाने में मदद मिलेगी।
यमुना प्राधिकरण ने रुस्तमपुर, पचोकरा, मोहम्मदपुर गुजर, अच्छेजा बुजुर्ग, औरंगपुर, आच्छेपुर, भट्टा, अट्टा गुजरान, डूंगरपुर रीलका, खेरली भाव, धनौरी, मूंजखेड़ा, गुनपुरा, फतेहपुर अट्टा, दनकौर, जगनपुर अफजलपुर, मिर्जापुर के गांवों के किसानों की लीज बैक की कार्रवाई की गई है। प्राधिकरण बोर्ड के समक्ष 17 ग्रामों के 205 प्रकरणों को प्रस्तुत किया गया है। बोर्ड ने इस प्रस्ताव को पुनः परीक्षण के लिए आगामी बोर्ड बैठक में पेश करने का आदेश दिया है। यह प्रस्ताव 11 जुलाई को प्रस्तावित बोर्ड बैठक में मंजूर होने की उम्मीद है।
यमुना प्राधिकरण ने पिछली बोर्ड बैठक में जेवर एयरपोर्ट से लगे औद्योगिक सेक्टर और एयरपोर्ट के नार्थ, ईस्ट, और वेस्ट साइट के पेरिफेरल रोड के निर्माण के लिए जमीन खरीदने की दर को 3100 रुपये प्रति वर्ग मीटर तय की थी। अब अगर कोई सात प्रतिशत आबादी वाला भूखंड लेता है, तो यह दर 2728 रुपये होगी। यह दर एयरपोर्ट के लिए भी लागू होगी। इसके बाद प्राधिकरण क्षेत्र में स्थित किसानों ने भूमि की एक समान खरीद दर की मांग की है। इन किसानों को कम दर पर भूमि देने से इनकार किया जा रहा है। इससे जमीन प्राप्त करने में समस्या उत्पन्न हो रही है। प्राधिकरण ने प्रस्ताव रखा है कि यमुना प्राधिकरण के गौतमबुद्ध नगर जिले के गांवों में भूमि की एक समान खरीद दर लागू की जाए। यह प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा और अनुमोदित होने के बाद इसे लागू किया जाएगा।
यमुना प्राधिकरण ने जमीन का आवंटन निरस्त कर दिया है जब इंटेंक कंपनी ने बच्चों के अस्पताल के निर्माण को समय पर नहीं पूरा किया। यह जमीन गोशाला परिसर में स्थानांतरित कर औद्योगिक इकाई के लिए आवंटित की गई थी। प्राधिकरण ने इस जमीन को एक खास कंपनी, एपेक्स मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल प्राइवेट लिमिटेड को आवंटित किया था। वे इसे एक मल्टी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के रूप में विकसित करना चाहते थे।
इसके अलावा, यमुना प्राधिकरण ने तीन पुलिस थानों के निर्माण की योजना बनाई है जो यमुना एक्सप्रेसवे पर स्थापित होंगे। इन थानों के नाम जेवर टोल, मथुरा टोल और आगरा टोल हैं। ये थाने यमुना एक्सप्रेसवे के लिए होंगे।
दूसरी घटना में, यमुना प्राधिकरण ने भूखंड का आवंटन इंटेंक कंपनी को किया था जिसे उद्योगिक इकाई के रूप में स्थापित करने की योजना थी। नियमानुसार, आवंटन राशि का पूरा भुगतान समय पर किया जाने पर दो प्रतिशत की छूट दी जाती है, लेकिन इंटेंक कंपनी ने समय पर पूरा भुगतान नहीं किया। यमुना प्राधिकरण ने दो बार आवंटन पत्र जारी किए गए लेकिन दूसरे आवंटन पत्र के अंतर्गत निर्धारित समय में पैसा जमा नहीं किया गया। प्राधिकरण ने इसके परिणामस्वरूप दो प्रतिशत की छूट नहीं दी है, क्योंकि निर्धारित समय में भुगतान नहीं हुआ है। प्राधिकरण ने लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं।
इसके अतिरिक्त, यमुना प्राधिकरण ने अन्य योजनाओं को भी मंजूरी दी है:
ग्राम फलैंदा बांगर में एक पूर्व से संचालित गोशाला परिसर में निराश्रित गोवंश की संख्या में वृद्धि के चलते और अन्य सुविधाओं को बढ़ाने के लिए छह शेड और अन्य सुविधाएं बढ़ाने का निर्णय लिया है। इसके लिए 7.20 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
यमुना प्राधिकरण ने आवासीय, औद्योगिक, संस्थागत सेक्टर में विकास कार्य और जेवर एयरपोर्ट क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस विभाग को तीन इंटरसेप्टर और तीन बुलेरो वाहन प्रदान करने का निर्णय लिया है।
यमुना प्राधिकरण ने उत्तर प्रदेश वेयरहाउसिंग और लॉजिस्टिक नीति-2022 और उसके क्रियान्वयन के लिए मानक संचालन प्रक्रिया को अपना लिया है। इसमें आवंटी को छूट मिलेगी।
यमुना प्राधिकरण ने 21 से 25 सितंबर तक होने वाले यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो में भाग लेने का निर्णय लिया है, जो इंडिया एक्सपो मार्ट में होगा। इसमें प्राधिकरण और एयरपोर्ट को प्रदर्शित किया जाएगा।
प्राधिकरण में विकलांगों के लिए एक आवंटी भी थी, जिसमें एक फ्लैट और भूखंड आवंटित हुए थे। इसके कारण फ्लैट आवंटन रद्द कर दिया गया है।
प्राधिकरण ने कर्मचारियों की कमी को दूर करने के लिए वित्त विभाग और लेखापाल के 10 पदों को संगठित किया है। इन पदों को मंजूरी दी गई है।
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