Vande Bharat में लगातार किए जा रहे है अपडेट, इन 6 देशों में दौड़ाने की तैयारी
New Delhi:- वंदे भारत ट्रेनों को निर्यात के लिए नवीकृत किया जा रहा है, जो मेक इन इंडिया के लक्ष्य को बढ़ाता है। इसकी गति और सुविधाओं को बढ़ाकर विश्वस्तरीय बनाया जा रहा है। रेलवे ने देश में घरेलू आवश्यकताओं के अनुरूप 475 वंदे भारत ट्रेन चलाने के बाद निर्यात करने की योजना बनाई है। कुछ देशों ने इसमें दिलचस्पी व्यक्त की है।
अब देश में 34 वंदे भारत ट्रेनें हैं।रेलवे अगले तीन वर्षों में वंदे भारत ट्रेनों को यूरोप, दक्षिण अमेरिका और पूर्वी एशिया में भेजना चाहता है। इसलिए इसे विश्वव्यापी बनाने की कोशिश निरंतर जारी है। यह देश में अभी ब्रॉड गेज ट्रैक पर चल रहा है। रेलवे कंपनियों का लक्ष्य है कि उन्हें संभावित निर्यात करने वाले देशों के मानकों के अनुसार गेज पर चलाने के लायक बनाया जाए।
वंदे भारत का जन्म कब हुआ?
15 फरवरी 2019 को नई दिल्ली-वाराणसी मार्ग पर वंदे भारत की पहली ट्रेन चलाई गई। तबसे अब तक जितनी ट्रेनें चलाई गई हैं, उनके फीचर को अपडेट करते हुए अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाया जा रहा है। 34वीं ट्रेन ने पहली ट्रेन से कई सुविधाएं बढ़ा दी हैं। रफ्तार भी 140 किमी प्रति घंटा से 180 किमी तक बढ़ा दी गई है। अब यह 220 km/h तक बढ़ने को तैयार है।
ट्रेन के राइडर संकेतक को तीन किया गया है। इससे चलती ट्रेन में नुकसान कम होगा। विमान की ध्वनि से लगभग सौ गुना कम आवाज का मानक भी 65 डिसिबल तक कम किया गया है। 100 प्रतिशत स्वदेशी तकनीक से निर्मित यह देश की पहली सेमी हाई-स्पीड ट्रेन है, जिसमें सुरक्षा के लिए कवच प्रणाली लगाई गई है। यात्रियों की प्रतिक्रिया को देखते हुए, नई ट्रेनों में अतिरिक्त सुविधाएं जोड़ी जा रही हैं, जो यात्रा को आसान बनाते हैं।
सीटें बहुत लचीली बनाई जा रही हैं। ताकि बोगियों में पानी न फैले, वाश बेसिन को गहरा किया जा रहा है। निर्यात को पहले विश्वस्तरीय बनाने के लिए जापान और जर्मनी की हाई स्पीड ट्रेनों का भी अध्ययन किया जा रहा है। वर्तमान भारत की ट्रेनों में बैठकर यात्रा की जाती है। अब दो सौ स्लीपर संस्करण की ट्रेनों भी बनाई जा रही हैं। दो वर्षों के अंदर इसे पूरा करना होगा।
रेलवे ने कहा कि 2025 से 26 तक 475 वंदे भारत ट्रेन निर्यात करने के लिए तैयार हैं। इसलिए घरेलू मांग और निर्यात दोनों पर काम हो रहा है।
14 मिनट में पूरी ट्रेन साफ हो जाएगी
वंदे भारत एक्सप्रेस को साफ करने का भी रेलवे ने बड़ा फैसला किया है। अब पूरी ट्रेन 14 मिनट में साफ हो जाएगी। इस कार्य में अभी तक तीन से चार घंटे का समय लगता था। रविवार को रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने 'स्वच्छता ही सेवा' अभियान के तहत '14 मिनट में चमत्कार' योजना की शुरुआत की।
दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन स्टेशन पर, उन्होंने PM के "स्वच्छता ही सेवा" अभियान का भी संदेश दिया। उनका कहना है कि वंदे भारत से एक त्वरित ट्रेनों की सफाई प्रणाली शुरू की जा रही है। बाद में अन्य ट्रेनों में भी ऐसा ही होगा। जापान में हाई स्पीड बुलेट ट्रेन सात मिनट में साफ हो जाती है।
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