उत्तर प्रदेश के छह सरकारी मेडिकल कॉलेजों में मिलेगी सस्ती दवाएं, योगी सरकार का बड़ा फैसला
Saral Kisan : प्रदेश सरकार ने मरीजों को किफायती दर पर गुणवत्तापरक दवाएं मुहैया कराने में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इन घरों की खेती को पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) से शुरू करने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए राज्य में छह राजकीय मेडिकल कॉलेज चुने गए हैं। नई व्यवस्था की शुरुआत से भर्ती और ओपीडी में आने वाले मरीजों को दवाएं आसानी से मिल सकेगी।
बुधवार को डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण महानिदेशालय के अफसरों को मेडिकल कॉलेजों में दवाओं की व्यवस्था को और मजबूत और सुचारू बनाने के लिए कहा। डिप्टी सीएम ने बताया कि पीएमएसएसवाई के तहत कानपुर, गोरखपुर, मेरठ, आगरा, प्रयागराज और झाँसी के राजकीय मेडिकल कालेज में सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक में फार्मेसी खोली जाएगी। इन हाउस फार्मेसियों को केंद्रीयकृत रूप से पीपीपी मॉडल पर संचालित किया जाएगा।
मरीजों को जल्द लाभ मिलेगा
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि इच्छुक फर्म 15 दिन के भीतर आवेदन कर सकते हैं। फार्मेसी एक से दो महीने के भीतर शुरू होगी। मरीज इसके बाद फार्मेसी से दवा ले सकेंगे। इसमें आवश्यक सर्जिकल उपकरण भी होंगे। ताकि मरीजों को इलाज के लिए भटकना नहीं पड़े। जिन बीमारियों से पीड़ित मरीजों की संख्या में वृद्धि हो रही है दवाओं में से कौन-सी अधिक प्रचलित हैं? ऐसी दवाओं को फार्मेसी में अधिक मात्रा में उपलब्ध कराया जाएगा। दवाओं की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होगा, उन्होंने कहा।
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