उत्तर प्रदेश में अब मिलेगा इन पशुओं से छुटकारा, 125 करोड़ का हुआ ऐलान
Saral Kisan : उत्तर प्रदेश की योगी सरकार गोवंश को बचाने के लिए बहुत कुछ कर रही है। प्रदेश में गोवंश को बचाने की कोशिश जारी है, जैसे नंदिनी कृषक समृद्धि योजना, नन्द बाबा दुग्ध मिशन और गायों के लिए एंबुलेंस और आश्रय स्थलों। साथ ही, प्रदेश में सड़कों पर आवारा घूमने वाले गोवंश की देखरेख के लिए गो आश्रय स्थलों की स्थापना में भी तेजी आई है। योगी सरकार ने 125 करोड़ रुपये इसके लिए दिए हैं।
योगी सरकार ने एक विस्तृत कार्ययोजना का पालन करते हुए छुट्टा गोवंश को बचाने के लिए अस्थायी गोवंश आश्रय स्थलों की स्थापना में तेजी लाने का प्रयास किया है। मौजूदा वित्तीय वर्ष 2023-24 में, छुट्टा गोवंश को बचाने के लिए तृतीय किस्त के तौर पर 125 करोड़ रुपए की राशि दी गई है। इस धनराशि का प्रयोग राज्य भर में अस्थायी गोवंश आश्रय स्थलों की स्थापना में तेजी लाने में किया जाएगा, जहां आश्रय पाने वाले गोवंश को उचित पोषण और संरक्षण मिलेगा। इससे न केवल सड़कों पर अकेले घूमने वाले गोवंशों की समस्या हल होगी, बल्कि इन्हें उचित आश्रय, भोजन, चिकित्सा उपचार सहित सभी सुविधाएं मिलेंगी जिनसे उनका जीवन सुरक्षित रखना संभव होगा। उल्लेखनीय है कि राज्य को डेयरी क्षेत्र में अग्रणी बनाने के लिए सीएम योगी काफी प्रयास कर रहे हैं और मौजूदा धनराशि आवंटन इस प्रक्रिया को तेज करने में एक महत्वपूर्ण कड़ी है।
50 रुपये प्रति गोवंश रोजाना मिलेंगे
CM योगी की योजना के अनुसार, प्रदेश में मौजूदा वित्तीय वर्ष 2023-24 में अस्थायी गोवंश आश्रय स्थलों में प्रति गोवंश 50 रुपये प्रति रोजाना अनुदान दिया जाएगा। इससे गो आश्रय स्थलों में गोवंश की देखभाल, इलाज, स्वस्थ भोजन और उचित शेड सहित अन्य आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद मिलेगी। इससे सड़क पर घूम रहे छुट्टा गोवंशों की समस्या भी हल होगी। योजना के अनुसार, सभी जिलों में पशुपालन विभाग के अधिकारी रेगुलर इंटरवल्स पर ग्राउंड विजिट करेंगे, ताकि गोवंश के लिए सर्वोत्तम सुविधाएं उपलब्ध हों। ठीक उसी तरह, आवश्यकतानुसार इन गो आश्रय स्थलों पर भी सरकारी वेटनरी डॉक्टर्स नियमित रूप से गोवंश के स्वास्थ्य की जांच करेंगे। वहीं, कभी-कभी इन स्थानों का निरीक्षण भी जिलाधिकारी, ब्लॉक अधिकारी और ग्राम पंचायत अधिकारी करेंगे।
CM की मंशा के अनुरूप, पशुपालन विभाग को प्रदेश भर में बन रहे अस्थायी गोवंश आश्रय स्थलों का निर्माण और देखरेख करने का काम सौंप दिया गया है। पशुपालन विभाग न केवल सर्टिफिकेशन और सभी प्रकार के क्लियरेंसेस को पूरा करेगा, बल्कि अस्थायी गो आश्रय स्थलों का भी निरीक्षण करेगा। वहीं, धनराशि को सिर्फ उत्तर प्रदेश सरकार की रूलबुक के अनुसार दिया जाएगा। इसके अलावा, यह सुनिश्चित किया जाएगा कि आवंटित राशि निर्धारित उद्देश्य से बाहर नहीं जाती।
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