यूपी में पावर कॉरपोरेशन की बिजली उपभोक्ताओं से मनमर्जी वसूली, 5 पैसे के बदले 10 रुपए की मांग
Uttar Pradesh : उत्तर प्रदेश बिजली विभाग ने बिजली चोरी और फिजूल खर्ची पर अंकुश लगाने में नाकाम दिखाई दे रहा है। इसी बीच पावर कॉरपोरेशन अपने वित्तीय संकट को दूर करने के लिए बिजली उपभोक्ताओं से मनमानी की वसूली कर रहा है। पावर कॉरपोरेशन द्वारा सौंपे गए विद्युत नियामक आयोग को एक प्रस्ताव से तो यही लग रहा है।
पावर कॉरपोरेशन द्वारा सौंपे गए इस प्रस्ताव में जिस एसएमएस पर पांच पैसे का खर्च आता है, उसके लिए उपभोक्ताओं से 10 रुपए वसूलना चाहता है। विद्युत नियामक आयोग ने सोमवार को बिजली दरों के संबंध में एक बैठक बुलाई। जिसमें उत्तर प्रदेश के बिजली उपभोक्ता परिषद ने मामला उठाते हुए आयोग से कारपोरेशन के प्रस्ताव को खारिज करने की मांग की है।
Sms भेजने का 10 रुपए खर्च
उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने बताया कि स्मार्ट मीटर में न्यूनतम बैलेंस संबंधी एसएमएस अलर्ट भेजने के लिए ₹10 का चार्ज वसूलने का प्रस्ताव था। वही कनेक्शन जोड़ने और काटने के लिए ₹50 का चार्ज कॉरपोरेशन द्वारा प्रस्तावित किया गया था।
उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष ने बताया कि पावर कॉरपोरेशन एसएमएस भेजने के लिए ₹10 लेना चाहती है, जिसके लिए टेलीकॉम कंपनियां सिर्फ पांच पैसे प्रति एसएमएस का चार्ज करती है। पावर कारपोरेशन ने टेलीकॉम कंपनी से पांच पैसे प्रति एसएमएस का ही अनुबंध किया हुआ है।
कॉरपोरेशन द्वारा रखे गए दोनों प्रस्ताव को खारिज करने की मांग करते हुए परिषद के अध्यक्ष ने बताया कि स्मार्ट मीटर परियोजनाओं में मुफ्त एसएमएस भेजने की व्यवस्था होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बिजली कंपनियां फिजूल खर्ची को रोकने की बजाय उपभोक्ताओं पर वित्तीय बोझ बढ़ाने की तैयारी कर रही है।
समान वेतन की मांग
केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने बिजली कंपनियों की वित्तीय स्थिति को सुधारने के लिए निदेशक की अधिकतम आयु 60 वर्ष की है। परंतु प्रदेश में 65 वर्ष आयु रखी है। 1 साल में 1100 से अधिक बिजली दुर्घटनाओं में बड़ी संख्या में संविदा कर्मी भी है। जिनके लिए समान वेतन की मांग करते हुए वर्मा ने बताया कि बिजली कंपनियां निगरानी कर बिजली दुर्घटनाओं पर अंकुश लगा सकती है।