Haryana के दो भाइयों ने बिहार के लोगों को बनाया दीवाना, क्या है खास?
Saral Kisan : अपनी बोली में मिठास के साथ लखीसराय के लोग मिठाई के भी बेहद शौकीन हैं. वैसे तो शहर में कई जगहों पर जलेबी आसानी से उपलब्ध हो जाता है. लेकिन इन दिनों हरियाणा के दो युवकों ने लोगों को दीवाना बना रखा है. दोनों भाई सड़क किनारे ही ठेला लगाकर जलेबी बनाते हैं, लेकिन इनके स्वाद के आगे बड़ी-बड़ी मिठाई की दुकाने फेल साबित हो रहा है.
दोनों भाई मिलकर चुल्हे पर ही जलेबी तैयार करते हैं. इस लजीज जलेबी को खाने के लिए जिला मुख्यालय का पचना रोड आना होगा. जहां आपको लजीज जलेबी खाने को मिलेगी. खास बात यह है कि लकड़ी के चुल्हे पर तैयार जलेबी का स्वाद सोंधी होने की वजह से लोग बड़े चाव से खाते हैं.
सागर ने बताया कि अपने भाई अमित के साथ पिछले दो वर्षो से हरियाणा से आकर लखीसराय के लोगों को स्वादिष्ट जलेबी खिला रहे हैं. सागर ने बताया कि एक बार बिहार घूमने के लिए आया था, तभी मन में यह भाव जगा कि क्यों न लोगों को स्वादिष्ट जलेबी खिलाया जाए.
इसके बाद अपने भाई अमित को बुलाया और पचना रोड में सड़क किनारे ठेला लगाना शुरू कर दिया. शुरूआत में तो कम बिक्री होती थी. इसके बाद जब लोगों को स्वाद पसंद आने लगा तो लोग जलेबी खाने के लिए आने लगे.
अभी रोजाना 25 केजी जलेबी तक बिक्री हो जा रही है. वहीं जलेबी बनाने में चावल का आटा और मैदा का प्रयोग करते हैं. चासनी में चीनी, नारियल का बुरादा और इलायची का बुरादा का प्रयोग करते हैं. जिससे जलेबी का स्वाद निखर कर आता है. लकड़ी के चूल्हे पर जलेबी बनने के कारण लोगों के बीच जलेबी की डिमांड है.
सागर ने बताया कि दोनों भाई मिलकर ही जलेबी तैयार करते हैं. सागर ने बताया कि रोजाना लगभग 25 किलो जलेबी की बिक्री हो जाती है. एक जलेबी पांच रुपये में खिलाते हैं. वहीं इस स्टॉल से सालाना सात लाख की कमाई कर लेते हैं.
दुकान सुबह 11 बजे से रात 8 बजे तक खुली रहती है. वहीं जलेबी खाने आए राम खेलावन पासवान ने बताया कि जलेबी का स्वाद बेहतरीन है. खुद खाने के बाद परिवार के लिए जलेबी खरीदकर ले जा रहे हैं.
ये पढ़ें : प्रेशर कुकर में भूलकर भी ना करें इन 5 चीजों की कुकिंग, बिगड़ जाएगी खाने वाले की तबीयत