home page

हिमालय की गोद में बन रही यह टनल, 11000 फीट की ऊंचाई पर 33 km की लंबाई

भारत में रोड इंफ्रा प्रोजेक्ट्स पर तेजी से काम हो रहा है. केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी भारत माला परियोजना के तहत कई एक्सप्रेसवे और हाईवे बनाए जा रहे हैं. खास बात है कि यह निर्माण कार्य सिर्फ महानगरों या शहरों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि देश के दुर्गम इलाकों में भी सड़कें बनाई जा रही हैं. जम्मू-कश्मीर में भारी बर्फबारी से लेह-लद्दाख हाईवे बंद हो जाता है और इसके साथ ही 5-6 महीनों के लिए देश का यह इलाका बाकी हिस्‍सों से कट जाता है.
 | 
This tunnel is being built in the lap of Himalayas, length of 33 km at an altitude of 11000 feet

Zojila Tunnel: सर्दी के मौसम में लेह-लद्दाख 5-6 महीनों के लिए देश से कट जाते हैं परंतु आने वाले दिनों में ऐसा नहीं होगा, क्योंकि श्रीनगर-लेह हाईवे पर जोजिला सुरंग का निर्माण हो रहा है. यह एशिया की सबसे लंबी बाइ-डाइरेक्शनल टनल है और हर मौसम में इसके जरिए इस दुर्गम इलाके में आवागमन जारी रहने वाला है.

भारत में रोड इंफ्रा प्रोजेक्ट्स पर तेजी से काम हो रहा है. केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी भारत माला परियोजना के तहत कई एक्सप्रेसवे और हाईवे बनाए जा रहे हैं. खास बात है कि यह निर्माण कार्य सिर्फ महानगरों या शहरों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि देश के दुर्गम इलाकों में भी सड़कें बनाई जा रही हैं. जम्मू-कश्मीर में भारी बर्फबारी से लेह-लद्दाख हाईवे बंद हो जाता है और इसके साथ ही 5-6 महीनों के लिए देश का यह इलाका बाकी हिस्‍सों से कट जाता है.

हालात ये होते हैं कि यहां के लोगों को 6 महीने का राशन रिजर्व करके रखना होता है लेकिन 2026 से ऐसा नहीं होगा, क्योंकि अब यहां जोजिला टनल का निर्माण हो रहा है. भारत सरकार नेशनल हाईवे 1 पर जोजिला सुरंग का निर्माण कर रही है. यह टनल सामरिक महत्व के लिहाज से भी बेहद महत्वपूर्ण है.

हिमालय में कठोर मौसमी हालात और समुद्र तल से 11,578 फीट की ऊंचाई पर इस सुरंग का निर्माण एक चुनौतीपूर्ण कार्य को दर्शाता है. जोजिला प्रोजेक्ट के तहत 33 किलोमीटर के दायरे में 3 सुरंगें बनाई जा रही हैं, जो 2 डिवीजन में बंटी हैं. पहले डिवीजन में 18.5 किलोमीटर में 2 टनल हैं, इनमें पहली सुरंग 435 मीटर लंबी है और दूसरी 1,950 मीटर लंबी है. दूसरे डिवीजन में यू-शेप में 9.5 मीटर चौड़ाई और 7.57 मीटर ऊंचाई वाले दो-लेन में 14.15 किमी की सुरंग है, जो मुख्य टनल है.

यह एशिया की सबसे लंबी बाइ-डाइरेक्शनल टनल है. NHIDCL के अधिकारी ने बताया कि इस अहम सुरंग का 35 फीसदी काम पूरा हो गया और शेष कार्य रफ्तार के साथ जारी है, जिसे 2026 तक पूर्ण कर लिया जाएगा. फिलहाल, श्रीनगर से लेह जाने में 10 घंटे लगते हैं. इसमें से सिर्फ जोजिला दर्रे को पार करने में ही 3 से साढ़े तीन घंटे लगते हैं, क्योंकि यह दर्रा बहुत खतरनाक है.

लेकिन, जोजिला सुरंग बनने से जोजिला दर्रे को पार करने में बस 15 मिनट ही लगेंगे और दुर्घटना होने का खतरा भी नहीं रहेगा. अभी बालटाल से मिनी मार्ग की दूरी 40 किलोमीटर है, लेकिन सुरंग बनने यह केवल 13 किलोमीटर रह जाएगी.

ये पढ़ें : उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने करोड़ों लोगों को दी ये बड़ी सौगात, बिज़नेस को मिलेगी तगड़ी रफ़्तार

Latest News

Featured

You May Like