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खीरे की यह जबरदस्त किस्म साल में 4 उपज देगी, हर महीने लाखों की कमाई

खीरे की खेती (Cucumber Farming) साल में 4 बार उपज देती है। इसकी मांग गर्मियों के दिनों में ज्यादा होती है। वहीं, बाजारों में खीरे की मांग सालभर चलती रहती है और यह बढ़िया कीमत पर आसानी से बिक जाता है।
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This tremendous variety of cucumber will give 4 yields in a year, earning lakhs every month.

PCUH Variety Cucumber : प्रतिकूल मौसम और प्राकृतिक आपदाओं से परंपरागत खेती में जोखिम बढ़ता जा रहा है। कभी-कभी प्राकृतिक आपदाओं के कारण, और कभी फसलों में कीट व्याधि और रोग प्रकोप के कारण लागत भी बढ़ जाती है। इस परिस्थिति में किसान ऐसी फसलों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं जो कम लागत और कम समय में अधिक मुनाफा दे सकती हैं।

विभिन्न राज्यों के किसानों ने सब्जियों की खेती (वनस्पतियों की उपज) की शुरुआत की है। इसमें टमाटर और खीरा जैसी नकदी फसलों की खेती पर ज्यादा ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। खासकर खीरे की खेती किसानों के लिए एक सफल विकल्प साबित हो रही है। यह इसलिए है क्योंकि खीरे की फसल किसानों को सालभर आमदनी का स्रोत प्रदान कर रही है।

खीरे की बाजार में मांग बहुत अधिक होती है। खासकर गर्मियों में, खीरे की मांग और कीमत उच्च स्तर पर होती है। खास बात यह है कि खीरे की फसल को साल में चार बार उत्पन्न किया जा सकता है। एक ही सीजन में खीरे से दो से लेकर ढाई लाख रुपए तक की आय प्राप्त की जा सकती है।

इसके लिए केवल 40,000 रुपए की लागत आवश्यक होती है। वर्तमान में बाजार में खीरे की विभिन्न उन्नत किस्में उपलब्ध हैं, लेकिन हम आपके लिए एक ऐसी खास किस्म की जानकारी लाएं हैं, जिससे कि किसान साल भर में चार बार उत्पन्न कर सकते हैं। यह किस्म "पीसीयूएच वैराइटी खीरा" है।

पीसीयूएच वैराइटी खीरा की विशेषताएँ और खेती

पीसीयूएच वैराइटी खीरा एक उत्तम विकल्प है खीरे की खेती के लिए। इसका उत्पादन बहुत ही अच्छा होता है और इसे बुआई के कुछ ही दिनों बाद से ही कटाया जा सकता है। इस किस्म के खीरे की खेती में लगने वाली लागत भी कम होती है। खीरे की इस किस्म के बीज बाजार में उपलब्ध होते हैं और किसानों को आसानी से मिल जाते हैं।

खीरे की खेती के लिए उपयुक्त मात्रा में जल की आवश्यकता होती है। खरपतवार मुक्त खेत और ड्रिप सिंचाई के तकनीक का प्रयोग करके खीरे की खेती में बेहतर प्रदर्शन प्राप्त किया जा सकता है।

खीरे के बीजों की बुवाई के लिए खेत को मिट्टी पलटने वाले हल से तैयार करना चाहिए। बीजों की बुवाई के लिए मेड़ों को बनाकर 2.5 से 3 मीटर की दूरी पर रखकर बुआई करनी चाहिए। बीजों को उपचारित करने के लिए पहले कार्बेन्डाजिम फफूंदनाशक का उपयोग करना चाहिए।

इस तरीके से, किसान भाइयों को खीरे की खेती से अधिक आय प्राप्त करने का मौका मिल सकता है। खीरे की इस प्रकार की उन्नत किस्म का प्रयोग करके, वे अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं और अधिक आय कमा सकते हैं।

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