उत्तर प्रदेश के 111 गावों से हो कर गुजरेगी ये नई रेलवे लाइन, 2026 तक पूरा होगा काम
UP Railways : उत्तर प्रदेश में कई नई रेल लाइन मंजूर की गई थी जिसमें से अब तेजी से प्रकिर्या जारी है. नई रेल लाइन बनने से कई जिलों में लोगों को फायदा मिलने वाला है. दोहरीघाट-सहजनवा रेल लाइन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। एनई रेलवे के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी की तरफ सहजनवा क्षेत्र में पड़ने वाली 11 किमी लंबी रेल लाइन को 43 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण की अधिसूचना जारी कर दी गई है। इसी वर्ष सहजनवा-दोहरीघाट नई रेल लाइन को रेल मंत्रालय ने विशेष रेल लाइन परियोजना में शामिल किया है। इसके बाद प्रक्रिया में तेजी आई है।
दोहरीघाट-सहजनवा नई रेल लाइन चार साल में बिछा दी जाएगी। यह प्रोजेक्ट तीन चरणों में पूरा होगा। पहले चरण में मार्च 2024 तक सहजनवा से बैदौली तक 27 किलोमीटर लंबी रेल लाइन बिछाने का लक्ष्य है। दूसरे फेज में मार्च 2025 तक बैदौली से गोला बाजार तक 29 किलोमीटर रेल लाइन बिछाने की तैयारी है। तीसरे और अंतिम चरण का काम मार्च 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य है। इसमें गोलाबाजार से न्यू दोहरीघाट तक 25.5 किलोमीटर लंबी रेल लाइन बिछाई जाएगी। भूमि अधिग्रहण की अधिसूचना जारी होने के साथ ही प्रक्रिया शुरू हो गई है। बता दें कि 17 दिसंबर 2019 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में सहजनवा- दोहरीघाट नई रेल लाइन को मंजूरी दी गई थी। कैबिनेट ने 1320 करोड़ का बजट भी स्वीकृत कर दिया था।
111 गांवों से गुजरेगी रेल लाइन, अधिग्रहण शुरू
दोहरीघाट-सहजनवा नई रेल लाइन मऊ और गोरखपुर जनपद के 111 गांवों से होकर गुजरेगी। अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। रेल लाइन बिछाने के लिए इन गांवों की 359 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जाना है। पूर्वोत्तर रेलवे ने जिला प्रशासन को चिन्हित भूमि का अभिलेख सौंप दिया है। इसके बाद जिला प्रशासन ने अधिग्रहण का काम शुरू कर दिया है।
इस बार के बजट में मिले हैं 205 करोड़ रुपये
इस प्रोजेक्ट के लिए मौजूदा बजट में एनईआर को 205 करोड़ रुपये मिले हैं। बजट मिल जाने से भूमि अधिग्रहण के काम में तेजी आएगी। 81 किलोमीटर लंबी इस लाइन पर 10 बड़े और 47 छोटे पुल बनाए जाएंगे। इनमें सरयू नदी पर सबसे बड़ा पुल शामिल है, जो दोहरीघाट और बड़हलगंज के बीच होगा।
कम होगी गोरखपुर से वाराणसी की दूरी
नई रेल लाइन के बिछ जाने से गोरखपुर से वाराणसी की दूरी कम हो जाएगी। गोरखपुर से दोहरीघाट होते हुए वाराणसी, प्रयागराज और लखनऊ के लिए भी ट्रेनें चलने लगेंगी। दोहरीघाट से इंदारा होते हुए मऊ और वाराणसी रेलमार्ग से जुड़ जाएगी। पूर्वांचल में रेल लाइनों का जाल बिछ जाएगा।
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