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उत्तर प्रदेश में अब नहीं होगी बिजली चोरी, ड्रोन से ऐसे रखी जाएगी नजर, इन जिलों में चलेगा अभियान

उत्तर प्रदेश सरकार ने बिजली चोरी को रोकने के लिए एक नया अभियान शुरू किया है। इस अभियान में ड्रोन का इस्तेमाल किया जाएगा। ड्रोन से बिजली के खंभों और मीटरों की निगरानी की जाएगी। ड्रोन से निगरानी के दौरान, यदि कोई बिजली चोरी का मामला पाया जाता है, तो बिजली चोरी करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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Now there will be no electricity theft in Uttar Pradesh, surveillance will be done through drones, campaign will run in these districts

Saral Kisan, UP : उत्तर प्रदेश (Up news) में अब बिजली चोरी पकड़ने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। गर्मियों में बिजली की जबरदस्त बढ़ी मांग के बीच कटिया कनेक्शनों के जरिए चोरी की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) ने ड्रोन की मदद ली है। ड्रोन के जरिए सघन इलाकों में कटिया लगाकर की जा रही बिजली की चोरी पकड़ी जा रही है।

ड्रोन के एरियल सर्वे में प्रदेश की राजधानी लखनऊ के कई इलाकों में बिजली चोरी पकड़ी गयी है और संबंधित व्यक्तियों पर जुर्माने के साथ मुकदमा भी लिखा गया है। लखनऊ के सफल प्रयोग के बाद अब प्रदेश के अन्य बड़े शहरों में भी ड्रोन के इस्तेमाल से बिजली चोरी पकड़ी जाएगी।

ड्रोन की मदद से 18 बिजली चोरों को पकड़ा गया

पावर कारपोरेशन (Power Corporation) के अधिकारियों ने बताया कि बिजली चोरों को पकड़ने में ड्रोन काफी कारगर हथियार साबित हो रहा है। राजधानी लखनऊ में ही रविवार को ड्रोन की मदद से 18 बिजली चोरों को पकड़ा गया है जिन पर एफआईआर दर्ज कराई जा रही है।

गौरतलब है कि प्रदेश के सभी बड़े शहरों से लेकर अधिकतर गांवों में भी विशेष तरह का इंसुलेटेड केबल डालने के बाद कटिया लगाकर बिजली चोरी की घटनाएं थम नहीं रही हैं।

गरमी के मौसम में मांग ज्यादा होने, ट्रांसफार्मरों पर लोड बढ़ने के बाद विशेष अभियान चलाकर चेकिंग की जा रही है। जहां ट्रांसफार्मर पर क्षमता से अधिक से भार पड़ रहा है वहां पुलिस की मदद से घर-घर जाकर चेकिंग की जा रही है। हाल ही में अभियान के दौरान बड़े पैमाने पर बिजली चोरी पकड़ी गयी है।

बिजली चोरी पर लगाम लगाने के लिए घनी बस्तियों में ड्रोन के जरिए छानबीन की जा रही है जिसके उत्साहजनक नतीजे सामने आए हैं। कारपोरेशन अधिकारी बताते हैं ड्रोन चेकिंग से न केवल समय की बचत होती है बल्कि टीम सीधे वास्तविक बिजली चोर को भी पकड़ लेती है। जिन इलाकों में ट्रांसफार्मर पर ड ज्यादा है और बिजली खर्च के मुकाबले बिल की वसूली कम हो रही है वहां खास तौर पर चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है।

उनका कहना है कि अभियान के बाद कई इलाकों में ट्रांसफार्मरों पर लोड 10 से 15 फीसदी तक घटा है। लखनऊ के बाद ड्रोन से चेकिंग का अभियान कानपुर, बरेली व मेरठ जैसे शहरों में भी तेजी से चलाया जाएगा।

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