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उत्तर प्रदेश में यहां बनाया जा रहा फर्स्ट सस्पेंशन ब्रिज, ये है पुल की अलग ही खासियत

UP News- सुत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक आपको बता दें कि यूपी में यहां पहला सस्पेंशन ब्रिज बनाया जा रहा है। सेतु निगम ने पुल निर्माण के लिए 92.71 करोड़ का प्रस्ताव तैयार कर पीडब्ल्यूडी को भेजा है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में प्रस्ताव को शामिल कर पीडब्ल्यूडी जल्द ही मंजूरी के लिए शासन को भेजेगी.
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The first suspension bridge is being built here in Uttar Pradesh, this is the unique specialty of the bridge.

UP News : करीब 108 साल पुराने पक्का पुल के पास गोमती नदी पर सस्पेंशन ब्रिज बनाने की योजना पर काम शुरू हो गया है। अमलीजामा पहनाए जाने पर शहर को पहला सस्पेंशन ब्रिज मिलेगा। सेतु निगम ने पुल निर्माण के लिए 92.71 करोड़ का प्रस्ताव तैयार कर पीडब्ल्यूडी को भेजा है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में प्रस्ताव को शामिल कर पीडब्ल्यूडी जल्द ही मंजूरी के लिए शासन को भेजेगी। हरी झंडी मिलने पर चार लेन के ब्रिज का काम शुरू करवाया जाएगा। प्रयागराज के नैनी में गंगा नदी के ऊपर ऐसा सस्पेंशन पुल है।

जानकारों के अनुसार शासन से मंजूरी मिलने पर शहर को पहले सस्पेंशन ब्रिज की सौगात मिल सकती है। इस विधि से ब्रिज बनने पर नदी की धारा पर कोई असर नहीं पड़ेगा। दरअसल इसमें नदी के बीच में पिलर नहीं बनाए जाते, बल्कि केबल की मदद से पुल का निर्माण होता है। सस्पेंशन पुल काफी मजबूत होने से भारी वाहनों के आवागमन में भी कोई दिक्कत नहीं होगी। इसके लिए उच्चस्तर पर गहन चर्चा के बाद सेतु निगम ने पीडब्ल्यूडी के अनुरोध पर कंसल्टेंट फर्म से सलाह व तकनीकी तथ्यों के आधार पर सस्पेंशन ब्रिज बनाने प्रस्ताव तैयार किया है।

इसके लिए 92.71 करोड़ के खर्च का प्रस्ताव तैयार कर पीडब्ल्यूडी को भेजा गया है। पीडब्ल्यूडी मध्य क्षेत्र के चीफ इंजिनियर जीएस वर्मा के अनुसार सेतु निगम ने पक्का पुल के पास चार लेन के सस्पेंशन ब्रिज निर्माण का प्रस्ताव भेजा है। वर्तमान वित्तीय वर्ष की कार्ययोजना में इसे शामिल कर शासन को प्रस्ताव भेजा जाएगा। योजना के अमल में आने से यातायात व्यवस्था में काफी सुधार होगा।

हेरीटेज जोन के लिए अहम-

हुसैनाबाद हेरिटेज जोन के निकट होने के कारण पक्का पुल के पास सस्पेंशन ब्रिज का प्रस्ताव तैयार किया गया है। दिल्ली-बरेली-सीतापुर राष्ट्रीय राजमार्ग व मेडिकल यूनिवर्सिटी समेत अन्य संस्थानों के कारण दूसरे जनपदों से आने वाले वाहनों का पक्का पुल पर काफी दबाव रहता है। अंग्रेजों के समय 1914 में बने पक्का पुल को हेरीटेज के तौर पर विकसित की योजना पर भी काम चल रहा है। इस बीच विशेषज्ञों के सुझाव पर एक और नए पुल के निर्माण तक पुराने पक्का पुल पर सिर्फ हल्के वाहन के आवागमन की अनुमति दी गई है। साल 2016 में बने नया पुल बनने के बावजूद अधिक लोड के कारण अक्सर जाम रहता है।
 
ऐसा होगा पुल-

92.72 करोड़, कुल लागत
225 मीटर होगी लंबाई
78.79 करोड़ ब्रिज की लागत

4 लेन का होगा ब्रिज

रिटेनिंग वॉल
90 मीटर टीले वाली मस्जिद की तरफ
160 मीटर सीतापुर रोड की तरफ
13.92 करोड़ : रिटेनिंग वॉल पर खर्

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