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देश में पर्यटन स्थलों का एक महत्वपूर्ण केंद्र है, राजस्थान का शहर, जानें

राजस्थान के उत्तर-मध्य में स्थित है और अपने ऐतिहासिक स्मारकों के कारण पर्यटन का एक लोकप्रिय स्थान है। यहां मरुस्थलीय जीवन की झांकी के साथ राजस्थान की सांस्कृतिक छटा भी देखने को मिलती है, जो इसे विदेशी पर्यटकों के लिए एक आदर्श स्थान बनाती है।

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The city of Rajasthan is an important center of tourist destinations in the country, know

Saral Kisan : बीकानेर, राजस्थान के उत्तर-मध्य में स्थित है और अपने ऐतिहासिक स्मारकों के कारण पर्यटन का एक लोकप्रिय स्थान है। यहां मरुस्थलीय जीवन की झांकी के साथ राजस्थान की सांस्कृतिक छटा भी देखने को मिलती है, जो इसे विदेशी पर्यटकों के लिए एक आदर्श स्थान बनाती है। बीकानेरी नमकीन और भुजिया भी विश्व प्रसिद्ध हैं। विदेशी सैलानियों को जनवरी से फरवरी तक बीकानेर में मेला पसंद आता है।

शहर में बहुत कुछ

जब बात मौसम और जलवायु की आती है, तो थार रेगिस्तान में स्थित होने के कारण गर्मियों में 45°C से अधिक तापमान रखता है, जबकि सर्दियों में हड्डियों को कंपा देने वाली ठंड पड़ती है। बहुत कम बारिश होने के कारण यह देश के सबसे सूखे इलाकों में से एक है। इसलिए बीकानेर में कोई नदी नहीं है। बीकानेर में मारवाड़ी बोली के अलावा हिंदी भी बोली जाती है। इस स्थान पर खारे पानी की लूणकरणसर झील से नमक बनाया जाता है। बीकानेर भी देश की सबसे बड़ी जिप्सम उत्पादक कंपनी है। साथ ही बीकानेर में एशिया की सबसे बड़ी ऊन मंडी है।

राव बीका और नेहरा जाट का इतिहास

बीकानेर रियासत की राजधानी थी। स्वतंत्रता के बाद बीकानेर रियासत का 30 मार्च, 1949 को राजस्थान में विलय हो गया। इसका निर्माण राठौर जाति के राजपूत सरदार राव बीका ने किया था, जिन्होंने 1465 में दूसरे राजपूत जाति से ज़मीन ली और 1486 में बीकानेर शहर बनाया, जिसका अर्थ था बीका का घर। कहा जाता है कि राव बीका ने जिस जगह पर इसे बनाना चाहा था, वह एक नेहरा जाट का था, जो राजा को जमीन देने को तैयार था, इसलिए बीका ने उस जगह का नाम उसके नाम से जोड़ने पर सहमति व्यक्त की। इसी से इस जगह का नाम बीकानेर पड़ा। बीकानेर पहले 'जांगल देश' या 'राती घाटी' कहलाता था। 1478 ई. में बीका ने इस क्षेत्र में भी एक किला बनाया था। जूनागढ़ किला इसके नाम से प्रसिद्ध है। बीका की 1504 ई. में मृत्यु के बाद उनके पुत्रों ने अपने राज्य को बढ़ा दिया। बीकानेर में सोथी, पूंगल और डाडा थोरा जैसे प्राचीन शहर हैं। मध्यकाल में बीकानेर भी चित्रकला का बड़ा केंद्र था। राजा अनूप सिंह के शासनकाल में बीकानेर चित्र शैली का प्रवेश हुआ।

सैकड़ों खूबसूरत ऐतिहासिक स्थान

राजा रायसिंह ने 1594 में बीकानेर के शानदार स्थानों में से एक जूनागढ़ किला बनाया था। इस किले में फूल महल, करण महल और चंद्र महल हैं। इसके अलावा, महाराजा गंगा सिंह ने लालगढ़ पैलेस में अनूप संस्कृत लाइब्रेरी और शार्दूल संग्रहालय बनाया था। देवीकुंड सागर भी सुंदर है, जहां बीकानेर राजपरिवार की छतरियां (समाधियां) हैं। कतरियासर में जसनाथी संप्रदाय की प्रसिद्ध पीठ है। बीकानेर संग्रहालय और गंगा गोल्डन जुबली संग्रहालय दोनों शानदार स्थान हैं। 5 नवंबर, 1937 को, भारत के तत्कालीन गवर्नर जनरल लॉर्ड लिनलिथगो ने इसका उद्घाटन महाराजा गंगा सिंह की स्वर्ण जयंती पर किया।

बीकानेर में बहुत सारे मंदिर भी हैं।

बीकानेर के धार्मिक स्मारकों में सबसे पहला करनी माता का मंदिर है, जो शहर की स्थापना से पहले बना था। यह चूहों के मंदिर के नाम से जाना जाता है। यही नहीं, मुकाम मंदिर बिश्नोई सम्प्रदाय का प्रमुख धार्मिक स्थान है। कतरियासर जसनाथी सम्प्रदाय के गुरु जसनाथ जी महाराज का मंदिर पानी के बिना बनाया गया है। बीकानेर के जाट समाज ने 1989 में वीर तेजाजी महाराज का मन्दिर बनाया था। जैव पर्यटकों के लिए बीकानेर का गजनेर वन्यजीव अभयारण्य एक खास आकर्षण है। यह विशेष रूप से जंगली तीतरों के लिए जाना जाता है। मृत गिद्धों को बचाने के लिए जोहड़बीड़ में कंज़र्वेशन रिज़र्व भी बनाया गया है। विदेशी पर्यटकों को भी बीकानेर की हवेलियां आकर्षित करती हैं। इनमें सबसे प्रसिद्ध बच्छावतों की हवेलियां और रामपुरिया हवेली हैं।

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