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उत्तर प्रदेश में 4 दशकों से लंबित सिंचाई परियोजना पर उठाया विशेष कदम, मिलेगा यह फायदा

यूपी-UP और उत्तराखंड जल्द ही एक बहुप्रतीक्षित परियोजना पर समझौता करेंगे। पिछले चार दशक से चली आ रही इस परियोजना से लोगों को खेतों में सिंचाई के लिए पानी और पेयजल की सुविधा मिलेगी।
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Special step taken on irrigation project pending for 4 decades in Uttar Pradesh, will get this benefit

Saral Kisan : यूपी-UP और उत्तराखंड जल्द ही एक बहुप्रतीक्षित परियोजना पर समझौता करेंगे। पिछले चार दशक से चली आ रही इस परियोजना से लोगों को खेतों में सिंचाई के लिए पानी और पेयजल की सुविधा मिलेगी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बहुप्रतीक्षित जमरानी बांध का शिलान्यास और सिंचाई के पानी को लेकर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ सरकार के साथ शीघ्र ही समझौता होगा। अब उत्तराखंड सरकार 25 मेगावाट से कम क्षमता वाले 32 विद्युत परियोजनाओं को केंद्र से दावा करेगी।

CM Dhammi ने केंद्रीय कैबिनेट की आर्थिक मामलों की समिति से गौला नदी पर प्रस्तावित जमरानी बांध की मंजूरी को एक बड़ी उपलब्धि बताया। उनका आभार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का था। उनका अनुरोध था कि परियोजना मंजूर की जाए।

उनका कहना था कि परियोजना से हल्द्वानी, यूएसनगर, रामपुर, मुरादाबाद और ठाकुरद्वारा सहित उत्तर प्रदेश के कई क्षेत्रों में पेयजल और सिंचाई की समस्याएं हल होंगी, साथ ही हल्द्वानी क्षेत्र में पानी की ग्रेविटी में सुधार होगा।

इसके लिए केंद्र ने 1730 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। परियोजना का 90 प्रतिशत खर्च केंद्रीय सरकार करेगी। उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश अतिरिक्त धन खर्च करेंगे। एक सवाल के जवाब में धामी ने बताया कि राज्य में 32 विद्युत परियोजनाओं को सुप्रीम कोर्ट और गंगा प्राधिकरण ने मंजूरी दी है।

25 मेगावाट से कम क्षमता वाले इन परियोजनाओं को शुरू करने के लिए फिर से केंद्र से अनुरोध किया जाएगा।नैनीताल जिले के लगभग 1200 परिवार जमरानी बांध से विस्थापित होंगे। उन्हें विस्थापित करने के लिए पराग फार्म में लगभग 300 एकड़ जमीन चुनी गई है। इस जमीन को सिंचाई विभाग को देने का काम शुरू हो गया है।

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