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Property Possession : यदि अब जमीन पर किया कब्जा तो होगी 10 साल की सजा

Property Possession : भूमाफियाओं के लिए नया कानून आया है। जो लोग अवैध जमीन पर कब्जा कर रहे हैं उन लोगों को अब 10 साल की कैद होगी।

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Property Possession: If you take possession of land now, you will be punished for 10 years

Property : उत्तराखंड में नया कानून लागू होने से आम आदमी को राहत मिलेगी और भूमाफिया पर शिकंजा कसेगा। कैबिनेट में पास होने के बाद सरकार अब इसे अधिनियम बना सकती है। अब उत्तराखंड में अतिक्रमित जमीन को मुक्त कराने की धामी सरकार की कोशिश तेज हो सकती है। सरकार के स्तर पर अभी तक किए गए प्रयत्न नाकाफी साबित हो रहे हैं। उत्तराखंड भूमि अतिक्रमण (निषेध) अधिनियम में कड़े नियम हैं।

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प्रदेश में नया कानून लागू होने से आम आदमी को राहत मिलेगी और भूमाफिया पर शिकंजा कसेगा। कैबिनेट में पास होने के बाद सरकार अब इसे अधिनियम बना सकती है। इसे बाद में विधानसभा के पटल पर रखा जाएगा। विधानसभा से पारित होने के बाद राज्य का नया कानून बनाया जाएगा। भूमि अतिक्रमण (निषेध) अधिनियम उत्तराखंड में पहली बार निजी भूमि को शामिल करता है।

नए कानून के माध्यम से  शिकायतकर्ता सीधे डीएम से इस तरह के मामलों की शिकायत कर सकेगा।

डीएम की अध्यक्षता में राज्य सरकार की ओर से अधिसूचित समिति प्रकरण की विवेचना पुलिस के निरीक्षक रैंक या उससे ऊपर के अधिकारी से कराएगी। कानून में पीड़ित व्यक्ति को राहत देते हुए भूमि अतिक्रमणकर्ता या आरोपी पर ही मालिकाना हक साबित करने का भार डाला गया है। आरोप सही साबित होने पर न्यूनतम सात वर्ष या अधिकतम 10 वर्ष तक कारावास की सजा का प्रावधान किया गया है।

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साथ ही अतिक्रमणकर्ता को ऐसी संपत्तियों के बाजार मूल्य के बराबर जुर्माने से भी दंडित किया जाएगा। नए कानून में पुराने कब्जों को भी शामिल करते हुए कार्रवाई की जा सकेगी। ऐसे मामलों के लिए विशेष न्यायालयों का गठन होगा। उत्तराखंड, भूमि अतिक्रमण (निषेध) अध्यादेश के तहत प्रदेश में भूमि अतिक्रमण पर प्रभावी नियंत्रण के लिए राज्य सरकार विशेष न्यायालयों का गठन करेगी। इनमें डीएम या डीएम की ओर से अधिकृत किसी अधिकारी की संस्तुति पर भूमि अतिक्रमण या हथियाने के प्रत्येक मामले का संज्ञान लेकर सुनवाई की जाएगी।

इसके बाद न्यायाधीश की ओर से आदेश पारित किया जाएगा। हालांकि, विशेष न्यायालय के आदेश के विरुद्ध उच्च न्यायालय में अपील की जा सकेगी। व्यक्ति, व्यक्तियों का समूह और निजी संस्था पर भी कार्रवाई होगी। 

यदि कोई व्यक्ति, व्यक्तियों का समूह अथवा कोई संस्था किसी भी जमीन या संपत्ति पर धमकी, छल, बिना किसी कानूनी अधिकारी के बल पर कब्जा करते हैं या कब्जा करने का प्रयास करते हैं तो इसे भी अतिक्रमण की श्रेणी में माना जाएगा। इसके अलावा ऐसी भूमि को अवैध रूप से किराये अथवा पट्टे पर देने या कब्जे के लिए अनाधिकृत संरचनाओं का निर्माण करने पर नए कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी।

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