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उत्तर प्रदेश के इस शहर में सोना-चांदी वाला पानी पी रहे लोग, धीरे-धीरे बन रहा स्टेट्स सिंबल

UP News : बात चौंकाने वाली है लेकिन सच है। मिली जानकारी के मुताबिक आपको बता दें यूपी के इस शहर में सोना-चांदी वाला पानी पी रहे है। आपको बता दें कि ये पानी मिनरल वाटर से एक दम अलग और कई गुना तक महंगा है... धीरे-धीरे बन रहा स्टेट्स सिंबल।
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People are drinking gold and silver water in this city of Uttar Pradesh, it is slowly becoming a status symbol.

UP News : यूपी के मेरठ शहर के लोग सोने-चांदी वाला पानी पी रहे हैं। बात चौंकाने वाली है लेकिन सच है। अभी तक बड़े-बड़े आयोजनों में जिस मिनरल वाटर को स्टेट्स सिम्बल माना जाता था, वह अब बीती बात हो गई है। इन आयोजनों में अब सोने और चांदी के तत्व मिले महंगे पानी ने जगह ले ली है। मेरठ शहर के बड़े घराने इसे पसंद कर रहे हैं। शायद यही वजह है कि कुछ ही समय में इस पानी के तलबगार तेजी से बढ़े हैं।

अच्छी सेहत के लिए शुद्ध पानी को भी डाइट का हिस्सा माना जाता है। इसकी पूर्ति लोग मिनरल वाटर या कहें तो बड़ी बड़ी कंपनियों द्वारा बाज़ार में उतारे गए पैकेजिंग ड्रिंकिंग वाटर से करते हैं। अब बाज़ार में इसका भी बेहतर विकल्प उतारा गया है। फर्क़ केवल इतना है कि य़ह कंपनियों के मिनरल वाटर से एक दम अलग और कई गुना तक महंगा है। इसकी वजह पानी के साथ मिलाए गए सोने और चांदी के तत्व हैं जो इसे खास बनाते हैं। अभी तक यह पानी मुंबई और हैदराबाद जैसे शहरों का हिस्सा था लेकिन अब यह मेरठ के अलावा दिल्ली-एनसीआर और इससे सटे शहरों में भी स्टेटस सिंबल बन रहा है।

24 कैरेट गोल्ड का मिश्रण-

एल्कलाइन पानी (क्षारीय जल) का पीएच 7 से ऊपर होता है जो शुद्धता की उच्च श्रेणी माना जाता है। इसमें कैल्शियम (20.5 एमजी/ली.), फ्लोराइड (27.3 एमजी/ली.), सल्फेट (9.6 एमजी/ली.), सोडियम (15.8 एमजी/ली.) और मैग्नीशियम (3.5 एमजी/ली.) शामिल है। इसके बाद ‘सोने की पत्तियां’ पानी को कीमती बनाती हैं। यह दिल, स्किन, दिमाग और पेट के लिए लाभदायक तो है ही, इसे बड़ा इम्युनिटी बूस्टर भी बताया जा रहा है। लंबे समय तक जवान बनाये रखता है। वजन को मेनटेन रखने में यह कारगर है, जिस कारण महिलाओं की पसंद यह बन चुका है।  

चांदी के पानी की खपत अधिक-

इस पानी की खपत सोने से कहीं अधिक है। चांदी को मानव शरीर के लिए वरदान माना गया है। यह मानव शरीर की कोशिकाओं में अधिक आसानी से अवशोषित हो जाता है, जो नियमित पानी नहीं कर पाता है। इस प्रकार यह सुपर हाइड्रेशन प्रदान करता है। यह लगभग 9 पीएच पानी है। इससे शरीर में एसिड का स्तर कम हो जाता है। इसमे शुद्ध चांदी है। अवशेषों के रूप में प्राकृतिक खनिज इलेक्ट्रोलाइट्स शामिल हैं।

नेचुरल मिनरल वॉटर भी बाजार में-

सोने और चांदी के बाद नेचुरल मिनरल वॉटर भी बाजार में उतारा गया है। कीमत के लिहाज से यह भी काफी महंगा है। इसकी खनिज संरचना की बात करें तो पानी का टीडीएस 250 एमजी/ली. है। इसके अलावा बाइकार्बोनेट 161.5 एमजी/ली., कैल्शियम 62 एमजी/ली., क्लोराइड 26 एमजी/ली., मैग्नीशियम 6.1 एमजी/ली., पोटेशियम 1.6 एमजी/ली., नाइट्रेट 2.7 एमजी/ली., सल्फेट 7.9 एमजी/ली., सोडियम 19 एमजी/ली. आदि शामिल है। इस पानी का पीएच 7.7 है।

निर्धारित मात्रा में प्रयोग ही लाभदायक-

ऑल इंडिया आयुर्वेद विद्यापीठ के राष्‍ट्रीय महासचिव डा.बृजभूषण शर्मा ने कहा कि सोना और चांदी के महत्व को इस चीज से समझा जा सकता है कि इनका राजा महाराजा प्रयोग करते थे। सोने-चांदी के बर्तनों में वह खाना खाते थे। कहीं न कहीं वह शरीर को लाभ पहुंचाता था। सोने की तासीर गर्म और चांदी की ठंडी होती है। इसलिए आयुर्वेद में दवाओं के रूप में इनका प्रयोग होता रहा है। अगर इनका निर्धारित मात्रा में प्रयोग किया जाये तो यह काफी लाभदायक होते हैं। इसमें महत्वपूर्ण यह भी है कि बिना चिकित्सक अथवा वैद्य की सलाह के सोने-चांदी का सेवन न हो।

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