अब किसानों के बनाए फ्यूल से चलेंगे जहाज, अब खेती के साथ-साथ होगा एक्स्ट्रा मुनाफा
दिल्ली: दिल्ली सहित उत्तर भारत में हर साल दिवाली के बाद पराली का धुआं एक बड़ी समस्या बनता है। दिल्ली गैस चैंबर की तरह नजर आती हैं। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि अब पराली से इथेनॉल बनाया जाता है। यही कारण है कि किसान अब इसे कम जलाते हैं। बुधवार को एक कार्यक्रम में बोलते हुए, उन्होंने बड़े-बड़े दावे भी किए। गडकरी के अनुसार अब एक लाख लीटर इथेनॉल पराली से बनाया जा रहा है। केंद्रीय सरकार लगातार इथेनॉल का उपयोग करने पर जोर देती रहती है। ऐसा पेट्रोल-डीजल पर निर्भरता कम करने और प्रदूषण कम करने के लिए किया जा रहा है।
बायो एविएशन फ्यूल बनाना
कार्यक्रम में गडकरी ने कहा, 'हम अब देखेंगे, सर्दियों में अब पराली जलती नहीं है। पराली को भी अब मूल्य दिया गया है। Indian Oil के पीछे हम पानीपत में चल रहे थे। वे एक लाख लीटर इथेनॉल पराली से बनाते हैं। 150 टन बायो बिटुमिन उत्पादित होते हैं। बायो एविएशन फ्यूल अब उत्पादित कर रहे हैं। अब हमने पॉलिसी स्वीकार कर ली है। हमारा देश आने वाले समय में 1 प्रतिशत बायोएविएशन फ्यूल को एविएशन फ्यूल में डालेगा। दिल्ली में आयोजित 63वें ACMA वार्षिक सत्र में वे भाषण दे रहे थे।
हेलीकॉप्टर किसानों की पराली से चलेंगे
केंद्रीय मंत्री ने कहा, "अब आने वाले 2-3 वर्ष में कमर्शियल हवाई जहाज, फाइटर जेट और हेलीकॉप्टर किसानों द्वारा तैयार किए गए ईंधन से चलेंगे। केंद्रीय मंत्री ने यह कहा हम पहले सातवें स्थान पर थे, लेकिन आज तीसरे स्थान पर हैं। हम दो महीने पहले जापान को पीछे छोड़कर तीसरे स्थान पर आए हैं। देश में गाड़ीया की संख्या अब तेजी से बढ़ी है। केंद्रीय मंत्री ने कहा ने कहा की मेरे मंत्री बनने से पहले बाजार 4.5 लाख करोड़ था, लेकिन आज यह 12.5 लाख करोड़ है। नितिन गडकरी ने कहा कि स्वदेशी स्वावलंबन सबसे महत्वपूर्ण बात है।
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