नोएडा को मिलने वाली है बड़ी खुशखबरी, इन प्रोजेक्ट्स के लिए होगा जमीन अधिग्रहण
UP News: शासन से नोएडा प्राधिकरण को अगले हफ्ते लगभग 400 करोड़ रुपये मिलने वाले है। इस धन का प्रयोग जमीन अधिग्रहण के साथ-साथ विकास कार्यों में किया जाने वाला है। प्राधिकरण अधिकारियों का मानना है कि रुपये आने पर उसको अलग-अलग अनुपात में परियोजनाओं पर खर्च किया जाने वाला है।
नोएडा विकास प्राधिकरण का अपना अलग से बजट होता है। प्राधिकरण का हर वर्ष चार से छह हजार करोड़ का बजट आता है। पहले 8-9 हजार करोड़ रुपये का बजट प्राधिकरण का होता था। शासन से प्राधिकरण को कोई आर्थिक सहायता नहीं मिलती, परंतु अब पहली बार शासन भी पैसा देने जा रहा है। कुछ महीने पहले शासन ने पत्र भेजकर नोएडा प्राधिकरण को 1500 करोड़ रुपये देने को लेकर सहमति की गई थी, परंतु अभी कम पैसा दिया जाएगा।
नोएडा विकास प्राधिकरण के वित्त नियंत्रक स्वतंत्र कुमार ने कहा कि अगले हफ्ते लगभग 400 करोड़ रुपये शासन से मिलने की पूरी उम्मीद जताई है। पैसा आने पर उसे मुख्यत जमीन अधिग्रहण और विकास कार्यों पर खर्च होगा।
प्राधिकरण अधिकारियों ने कहा कि नए नोएडा एरिया में जमीन अधिग्रहण के लिए बजट में एक हजार करोड़ रुपये का बजट तय हुआ था, लेकिन इस वर्ष वहां पर जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होना मुश्किल हो गई है। अगले वर्ष मार्च तक इसकी शुरुआत हो सकती है।
नोएडा प्राधिकरण इन दिनों नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे के पास सेक्टर-161 से 166 विकसित किया जा रहा है। ये सेक्टर खासतौर से औद्योगिक क्षेत्र के रूप में विकसित किया जाने वाला है। ऐसे में इन सेक्टर से लगे गांवों के जमीन की अधिग्रहण प्रक्रिया चलाई जा रही है। किसान आसानी से जमीन देने को तैयार नहीं हो रहे हैं। वे अधिक मुआवजा समेत अन्य सुविधाएं चाह रहे हैं। इसके चलते उनसे वार्ता की जा रही है।
प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना के तहत नोएडा प्राधिकरण को इसी साल मार्च में करीब 231 करोड़ 63 लाख रुपये दिए गए थे। इस पैसे का इस्तेमाल पर्थला गोलचक्कर पर बने सिग्नेचर ब्रिज, डीएससी एलिवेटेड रोड, एक्सप्रेसवे पर बने सेक्टर-142 एडवेंट अंडरपास के साथ साथ निर्माणाधीन सेक्टर-96 अंडरपास में होता है। इन चारों परियोजनाओं की लागत करीब 600 करोड़ रुपये मिलने है।
इनमें से सिग्नेचर ब्रिज, एडवेंट अंडरपास का काम पूरा किया जा चुका है, जबकि एलिवेटेड रोड का काम पैसों के विवाद के कारण बंद पड़ा है। इस बजट का लगभग छह महीने से इंतजार किया जा रहा था। प्राधिकरण अधिकारियों का मानना है कि इन परियोजनाओं के काम पर केंद्र सरकार की पूरी निगरानी चल रही है। अभी पीएम गति शक्ति के जरिए और फंड मांगा जाएगा।
ये पढ़ें : Alcohol : शराब पीने के आंकड़ो में देश के इस राज्य की महिलाएं हैं सबसे आगे