Land occupation: अवैध कब्जा करने वाले से बिना लड़े ऐसे लें अपनी संपत्ति वापिस
Property News : प्रॉपर्टी खरीदना आज के समय में हर किसी का सपना होता है। अगर आपकी खून पसीने से कमाई हुई प्रॉपर्टी पर कोई अवैध कब्जा कर लेता है भारतीय संविधान में बहुत सारे कानून है जो आपको प्रॉपर्टी वापस दिला सकते हैं। जान लीजिए कानून कहीं बाद में फिर आपको कहीं पछतावा ना हो।
Property law : देश में जमीन और घरों पर अवैध कब्जा के कई मामले आए दिन सामने आते रहते हैं। प्रॉपर्टी और घरों पर अवैध कब्जा के मामले कोई नई बात नहीं है. सालों साल से यह सब होता आ रहा है. कई राज्यों में रिकॉर्ड ऑनलाइन होने की वजह से अवैध कब्जा की समस्या समाप्त ही हो गई है। लेकिन फिर भी अवैध कब्जा के मामले सामने आते ही रहते हैं. अवैध कब्जे को लेकर कई बार बड़े-बड़े झगड़े भी हो जाते है। प्रॉपर्टी पर अवैध कब्जा छुड़वाने के लिए आपको झगड़ने की कोई जरूरत नहीं है.
सरकारी तंत्र खुद करेगा सहायता
आप अपनी जमीन से बड़ी आसानी से अवैध कब्जा धारक से छुटकारा पा सकते हैं. इस मामले में सरकारी तंत्र खुद आपकी सहायता करेगा। लेकिन कानून की सही जानकारी ना होने की वजह से बहुत सारे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। अगर आपको इस बारे में जानकारी होगी तो आप खुद और दूसरों को भी इस अवैध कब्जे के झमेले से बचा लेंगे.
मुकदमे में दर्ज करने का अधिकार
जानकारी के लिए बता दें कि पीड़ित व्यक्ति के पास आपराधिक और सिविल दोनों प्रकार के मुकदमे में दर्ज करने का अधिकार होता है। अवैध कब्जा छुड़वाने को लेकर कानूनी कार्रवाई भले ही थोड़ी लंबी हो लेकिन लड़ाई झगड़े से तो अच्छी ही साबित होगी। अवैध कब्जा छुड़वाने के लिए शुरूआत में तीन धाराएं अपराधी कानून है जबकि अंतिम धारा सिविल कानून के तहत आती है.
आईपीएस धारा 420
यह धारा काफी चर्चित धारा है. आईपीएस की इस धारा 420 का प्रयोग धोखाधड़ी के अनेक मामलों में प्रयोग किया जाता है। अगर किसी व्यक्ति से उसकी प्रॉपर्टी बल पूर्वक छीन ली गई है तो इस कानून का प्रयोग किया जाता है। पीड़ित व्यक्ति को सबसे पहले इस धारा का प्रयोग करना चाहिए।
आईपीएस की धारा 406
आईपीएस की धारा 406 का प्रयोग उसे समय किया जाता है जब कोई शख्स किसी अन्य व्यक्ति से विश्वास पात्र बनकर उसकी प्रॉपर्टी हड़प लेता है। इस धारा को संगीन अपराध की श्रेणी में रखा गया है. नजदीकी पुलिस थाने में पीड़ित व्यक्ति इस धारा के माध्यम से मुकदमा दर्ज कर सकता है।
आईपीएस धारा 467
आईपीएस की धारा 467 का प्रयोग उसे समय किया जाता है जब किसी की प्रॉपर्टी फर्जी दस्तावेज बनाकर उसे हड़प ली जाती है. इस कानून को कूटरचना कानून भी कहा जाता है.
सिविल कानून
ये एक सिविल कानून है. इसका प्रयोग खास परिस्थिति में किया जाता हैं। इसमें किसी प्रकार की धोखाधड़ी नहीं होती, ना ही कोई फर्जी दस्तावेज बनाए जाते हैं. आरोपी व्यक्ति बस मनमर्जी से पीड़ित की संपत्ति पर जबरन कब्जा कर लेता है. इसकी धारा 6 के माध्यम से पीड़ित को जल्दी व आसान न्याय देने का प्रयास किया जाता हैं। हालांकि, इस कानून में एक पेंच ये है कि कब्जे के 6 महीने के अंदर ही इस कानून के तहत मुकदमा दर्ज हो जाना चाहिए. दूसरा पेंच यह कि इसके तहत सरकार के खिलाफ मुकदमा नहीं कर सकते.