भारत के पाँच मुख्य आँखों के अस्पताल, मुफ़्त और बहुत कम पैसे में होता है इलाज
Saral Kisan : शरीर के सभी अंग महत्वपूर्ण हैं, लेकिन आंखों के बिना जीवन अंधेरा होता है। यही कारण है कि आंखों की देखभाल बेहद महत्वपूर्ण है. हालांकि, भारत में आंखों को लेकर लोग ज्यादा गंभीर भी नहीं हैं, इसलिए लगभग आधी आबादी आंखों की बीमारियों से जूझ भी रही है। इनमें मोतियाबिंद, रेटिनोब्लास् टोमा, आंखों का कैंसर, काला मोतिया (ग्लूकोमा) और रेटिनोपैथी भी शामिल हैं। इन बीमारियों से देश में अंधापन भी बढ़ा है।
भारत में मोतियाबिंद अंधत्व का सबसे बड़ा कारण बन गया है। आंखों की बीमारी से जूझ रहे लोगों में से लगभग 2 % पूरी तरह से आंखों की रोशनी खो भी देते हैं। भारत में, सरकारी और निजी आंखों के अस्पतालों को छोड़कर, आंखों की बीमारियों का इलाज मुफ्त या बहुत कम कीमत पर किया भी जाता है।
आज हम आपको भारत में सर्वश्रेष्ठ आंखों के अस्पतालों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो आधुनिक उपकरणों, सर्वश्रेष्ठ ऑप्थेल् मोलॉजिस्टों, आंखों की जांच के लिए सर्वश्रेष्ठ मशीनों और सुविधाओं से लैस भी हैं। ये बेस्ट आई केयर सेंटर उत्तर से दक्षिण भारत तक फैले हैं, और इनमें से कई अस्पतालों देश के कई राज्यों में शाखाएं भी हैं।
शंकर आई हॉस्पिटल देश भर में 13 शाखाओं में फैला हुआ है, जो टॉप-5 आई हॉस्पिटलों में से एक है। यहां दो प्रकार का इलाज दिया जाता है, अस्पताल के प्रेसिडेंट ऑपरेशन भरत बाला सुब्रमन्यम ने यह जानकारी दी। आपको बता दे की एकदम मुफ्त और दूसरे इलाज में सहायता के साथ बीपीएल कार्ड धारकों और हर हफ्ते अस्पताल में लगने वाले सौ आउटरीच कैंपों से आने वाले मरीजों का इलाज पूरी तरह से निशुल्क है। इलाज के लिए सब्सिडी भी दी जाती है, जो थोड़ा बहुत खर्च कर सकते हैं। मोतियाबिंद, पीडियाट्रिक कैटरेक्ट, रेटिना, रेटिनोब् लास् टोमा और आई कैंसर के लिए अस्पताल ने अभी तक 25 लाख फ्री सर्जरी कर चुका है। कुल 13 ब्रांचों में से एक आणंद है, तीन तमिलनाडू में हैं, तीन गुंटूर, हैराबाद, कानपुर, इंदौर, जयपुर, लुधियाना और कर्नाटक में हैं, और वाराणसी में 14वीं ब्रांच बन रही है।
एचवी देसाई आई चेरिटेबल अस्पताल, पुणे के चीफ मेडिकल डायरेक् टर राहुल देशपांडे ने बताया कि आउटरीच कैंपों से आने वाले मरीजों या जिनके पास बीपीएल कार्ड हैं, उन्हें रहना, खाना, आना-जाना, ऑपरेशन और दवा सब मुफ्त मिलता है। सालाना इस अस्पताल में 40 से 50 प्रतिशत सर्जरी पूरी तरह निशुल्क भी होती हैं। अस्पताल से बाहर 35 विजन सेंटर्स भी हैं, जो लेटेस्ट टेक् नोलॉजी वाले उपकरणों से इलाज भी करते हैं। यहां सर्जरी फ्री है, लेकिन कोई विदेशी लेंस लगाना चाहता है तो मार्केट रेट से 60 से 70 प्रतिशत की सब्सिडी मिलेगी। मोतियाबिंद की सर्जरी यहां केवल 72,000 रुपये में की जा सकती है।
अरविंद आई हॉस्पिटल, मदुरै, देश के सबसे बड़े आई केयर सेंटर्स में शुमार है, एक साल में 24 लाख आंख के मरीजों का इलाज करने वाले सीनियर फैकल्टी आर सुरेश कुमार ने यह बताया। इस अस्पताल में सात टर्शियरी सेंटर हैं जहां सभी बीमारियाँ इलाज की जाती हैं। 107 विजन सेंटर्स, छह कम्युनिटी आई क्लीनिक्स और सात सेकेंडरी हैं। 2022 से 2023 तक 7 लाख 4 हजार 378 सर्जरी की गईं, इनमें से 50 प्रतिशत फ्री या सब्सिडी पर हुईं। साथ ही, अरविंद अस्पताल ने अपने खुद के चार आई बैंक बनाए हैं, जहां लोग कॉर्निया, रेटिना आदि दान कर सकते हैं। 7 करोड़ 80 लाख लोगों की आंखों का इलाज और 94 लाख सर्जरी अभी तक इस अस्पताल में हुई हैं। यहां भी, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को मुफ्त चिकित्सा मिलती है, जबकि बाकी लोगों को सब्सिडी मिलती है।
डॉ. राजेंद्र प्रसाद सेंटर फॉर ऑप्थेल्मिक साइंसेज, नई दिल्ली, ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के परिसर में है। यहां आंखों का बहुत सा इलाज मुफ्त है और कुछ सर्जरी बहुत सस्ती हैं। RP Center की कम्युनिटी सुविधाएं मुफ्त हैं, नेत्र विज्ञान विभाग के प्रोफेसर प्रवीण वशिष्ठ यह बताते हैं। 17 विजन सेंटर्स से रैफर होकर आने वाले मरीजों को आरपी सेंटर में खाना-पीना और पूरी तरह से मुफ्त इलाज मिलता है। आंखों की बीमारियों का इलाज सबसे सुविधाजनक और आधुनिक आई केयर फेशिलिटीज वाले संस्थानों में ऑनलाइन अपॉइंटमेंट के अलावा ऑफलाइन अस् पताल में भी किया जा सकता है।
एलवी प्रसाद आई इंस् टीट्यूट और आई केयर सुविधाएं हैदराबाद में ऑक् यूलर टिश्यू इंजीनियरिंग रिसर्च सेंटर हैं। भुवनेश्वर, विशाखापत् तनम और विजयवाड़ा इसके तीन अन्य स्थान हैं। वहीं, यह नेटवर्क वाला सबसे बड़ा अस्पताल है, जिसमें 275 से अधिक प्राइमरी आई केयर सेंटर्स हैं। ऑप्थेल्मिक प्लास्टिक सर्जरी, ऑक् यूलर ऑन् कोलॉजी, कई प्रकार की सर्जरी, स्क्विंट आदि का सर्वश्रेष्ठ इलाज इस अस्पताल में मुफ्त या बहुत कम कीमत पर किया जाता है।
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