दिल्ली में इस उम्र की महिलायें दो पेग लगाकर करती है दिन की शुरुआत
Saral Kisan : दिल्ली में बढ़ती महिलाओं की शराब पीने की आदतों पर एक सर्वेक्षण का परिणाम हुआ है, जिससे पता चला है कि दिल्ली की महिलाएं अब अधिक शराब पी रही हैं। Sarve के अनुसार, अधिक समृद्धि, आकांक्षाएं, सामाजिक दबाव और अलग जीवनशैली से जुड़ाव ने महिलाओं को शराब पीने की ओर आकर्षित किया है। 5 हजार महिलाओं, 18 से 70 साल की उम्र में, कम्यूनिटी अगेन्स्ट ड्रंकेन ड्राइविंग (CADD) के लिए सर्वे कराया गया है।
भारत विश्व में शराब पीने वालों की सर्वाधिक संख्या है। यही कारण है कि शराब के प्रति महिलाओं का बढ़ता प्रेम हर किसी को आश्चर्यचकित कर सकता है। Sarve की रिपोर्ट के अनुसार, 18 से 30 वर्ष की 43.7 प्रतिशत महिलाएं शराब को आदतन या शौकिया तौर पर पीती हैं। 31 से 45 वर्ष की 41.7 प्रतिशत महिलाओं ने कामकाज या सामाजिक मानदंडों के कारण शराब पीई। 53 प्रतिशत 60 वर्ष से अधिक की महिलाएं और 39 प्रतिशत 46 से 60 वर्ष की महिलाएं भावनात्मक कारणों से शराब पीती हैं।
भारत में शराब पीने की दर बढ़ी: विश्व स्वास्थ्य संगठन
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बताया कि 2010 से 2017 के बीच भारत में शराब पीने की दर 38% बढ़ी है। 2005 में प्रति वर्ष एक व्यस्क 2.4 लीटर शराब पीता था। 2016 में यह आंकड़ा लगभग 5.7 लीटर प्रति वर्ष था
Sarve ने कहा कि "इस वृद्धि की वजह उन महिलाओं के बीच शराब की बढ़ती खपत है, जो अब से पहले स्पष्ट रूप से शराब से परहेज करने वाली मानी जाती थीं।"Sarve का लक्ष्य था शराब की वर्तमान खपत, व्यय पैटर्न, पीने की आदत, स्थानों और अन्य कारक को देखना।
पांच वर्ष में 40 प्रतिशत होने का अनुमान है
Sarve ने कहा कि "जो महिलाएं शराब पीती हैं, वे लिमिट से अधिक पीती हैं।"भारत सरकार के शराब अध्ययन केंद्र ने बताया कि दशकों से शराब से दूर रहने के कारण अगले पांच साल में महिलाओं के बीच शराब का बाजार 25 प्रतिशत तक बढ़ने की संभावना है।
CADD ने कहा कि शराब बाजार की "चमक दमक" और फिल्मों और टीवी पर लगातार यह संदेश देने से यह भी बढ़ा है। शराब पीकर महिलाएं खुश रहती हैं और चिंता नहीं करतीं।
एम्स (सर्वे) की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में ४० प्रतिशत पुरुष और २० प्रतिशत महिलाएं (लगभग १५ लाख महिलाएं) शराब पीती हैं। सर्वे का कहना है कि "अधितकर सभी सामाजिक गतिविधियां शराब के इर्द-गिर्द घूमती हैं और जब हर कोई एक जैसी चीज कर रहा हो तो यह एक समस्या की तरह नहीं प्रतीत होती।" यह सिर्फ चलन का परिणाम है।
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