उत्तर प्रदेश में अब हर तीन महीने बाद निर्धारित होगा हाउस टैक्स, भेजा गया निर्देश
Saral Kisan : नए मानक के तहत शहरों में हाउस टैक्स का निर्धारण किया गया है। निकायों को हर तीन महीने में इसका निर्धारण करने की जिम्मेदारी होगी, और इसकी सूचना निदेशालय को भी देनी होगी।
वार्डवार सर्वे के द्वारा मकानों की संख्या में कोई वृद्धि या नया निर्माण तो नहीं हुआ है, यह भी जांचा जाएगा। इस आधार पर हाउस टैक्स का निर्धारण किया जाएगा।
स्थानीय निकाय निदेशालय ने निकायों को निर्देश दिया है कि उन्हें वन ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था के लक्ष्य प्राप्ति के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में तय किए गए इंडिकेटर के आधार पर नगर निकायों में स्थित भवनों की संख्या की जांच कर हाउस टैक्स का निर्धारण करने का निर्णय लिया जाएगा।
इसके लिए एक अप्रैल से 30 जून, एक जनवरी से 31 मार्च, और एक अप्रैल से 30 जून तक की अवधि निर्धारित की गई है। इसके बाद भी निकायों को समय पर इसकी सूचना देने के लिए कहा गया है।
राज्य सरकार निकायों को स्वावलंबी बनाने की प्रक्रिया में विशेष महत्व देती है। इसके लिए हाउस टैक्स की वसूली को महत्वपूर्ण मानती है। निकायों को यह भी निर्देश दिया गया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि हर घर और प्रतिष्ठान हाउस टैक्स के प्रभाव क्षेत्र में आते हैं।
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