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Bihar की 8387 पंचायतों में लगाए जाएंगे फूड प्रोसेसिंग उद्योग, जानिए इससे क्या होगा फायदा

बिहार की 8387 पंचायतों में फूड प्रोसेसिंग के उद्योग लगाए जाएंगे। कहा जा रहा है कि उद्योग शुरू करने के लिए सब्सिडी भी मिलेगी... आइए जानते है कि आखिर इससे सबसे ज्यादा फायदा किन्हें मिलेगा।
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Food processing industries will be set up in 8387 panchayats of Bihar, know what will be the benefit from it.

Bihar News : बिहार की 8387 पंचायतों में फूड प्रोसेसिंग के उद्योग लगाए जाएंगे। कहा जा रहा है कि उद्योग शुरू करने के लिए सब्सिडी भी मिलेगी... आइए जानते है कि आखिर इससे सबसे ज्यादा फायदा किन्हें मिलेगा।

Bihar : बिहार के सभी 8387 पंचायतों में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग शुरू किए जाएंगे। इसके लिए जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक को जिम्मेदारी सौंपी गयी है। उद्यमियों का चयन और उनके प्रोजेक्ट का वेरिफिकेशन जिला उद्योग करेगा। इससे बड़ी संख्या में युवा उद्यमियों को कुछ करने का मौका मिलेगा तो बेरोजगार महिलाओं पुरुषों को रोजगार हासिल होगा।

इस संबंध में उद्योग विभाग के निदेशक पंकज दीक्षित ने सभी पंचायतों में प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना (पीएम-एफएमई) के तहत नये उद्यमियों को खाद्य प्रसंस्करण उद्योग स्थापित करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। इससे राज्य में कृषि आधारित उत्पादों का उपयोग खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में बड़े पैमाने पर होगा। साथ ही, स्वरोजगार से प्रेरित होकर बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने वाला बनाया जा सकेगा।

ऋण के लिए आवेदन भी लिए जाएंगे विभाग के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार पीएम-एफएमई के तहत नये रोजगार शुरू करने के लिए ऋण हेतु आवेदन भी लिए जाएंगे। ताकि, इच्छुक आवेदकों को आर्थिक सहायता बैंक के माध्यम से उपलब्ध कराकर उन्हें नये उद्योग शुरू करने में सहायता की जा सके। खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को बढावा मिलने से आसपास के क्षेत्रों में होने वाले पलायन को रोका जा सकेगा।

उद्योग शुरू करने के लिए सब्सिडी भी मिलेगी-

केंद्र सरकार की योजना प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना (पीएमएफएमई) के तहत मौजूदा व्यक्तिगत सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां अपनी इकाइयों को अपग्रेड करने की इच्छुक हैं, वे अधिकतम 10 लाख रुपए प्रति यूनिट के साथ पात्र परियोजना लागत के 35 प्रतिशत पर क्रेडिट-लिंक्ड कैपिटल सब्सिडी का लाभ प्राप्त सकती हैं। इस योजना को कोरोना काल में सभी के लिए रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शुरू किया गया।

इस योजना के माध्यम से केंद्र सरकार उन सभी लोगों की आर्थिक सहायता करेगी, जो लोग खाद्य उद्योग में अपना कोई नया काम शुरू करना चाहेंगे। सरकार का मानना है कि इससे उद्योग शुरू करने के लिए सभी लोगों को प्रोत्साहन मिलेगा और रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे।

जिलास्तर पर विभिन्न विभागों की सहभागिता होगी-

पंचायतों में होने वाले जागरूकता सह ऋण आवेदन सृजन कार्यक्रम में विभिन्न विभागों की जिला स्तरीय पदाधिकारियों एवं कर्मियों की सहभागिता भी होगी। इसके लिए महाप्रबंधक को समन्वय बनाने के निर्देश दिए गए है। इनमें कृषि विभाग, बागवानी मिशन, नाबार्ड एवं जीविका के सदस्य भी शामिल होंगे। इनके द्वारा आवेदन को प्राप्त कर उद्यम के चयन से लेकर ऋण की उपलब्धता एवं प्रशिक्षण व जानकारी प्रदान की जाएगी।

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