उत्तर प्रदेश में यहाँ बनेगा पहला सोलर Expressway, इस जगह पर बनेगा सोलर पार्क
Uttar Prdesh News : योगी सरकार ने सौर ऊर्जा का उपयोग करने के लिए बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे पर काम शुरू कर दिया है। इसके लिए चार लेन वाले 296 किमी लंबे बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के दोनों ओर सोलर पैनल लगाने की तैयारी शुरू हो गई है। पीपीपी मॉडल इस परियोजना को मूर्त रूप देगा। 15 से 20 मीटर चौड़ाई वाले हाईवे के मुख्य कैरिज वे और सर्विस लेन के बीच खाली पड़े 15 से 20 मीटर के क्षेत्र में सोलर पैनल लगाकर सौर ऊर्जा उत्पन्न करने की योजना है।
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सौर ऊर्जा से मिलेगी औद्योगिक विकास को गति-
योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश में औद्योगिक विकास को गति देने के साथ ही औद्योगिक गलियारों, खासकर हाइवे के रख-रखाव एवं सुविधाओं में वृद्धि के लिए अब सौर ऊर्जा को ज्यादा बढ़ावा देने के लिए यह पहल की है. सीएम कार्यालय की ओर से यह बताया गया कि उत्तर प्रदेश में उच्च गुणवत्ता वाले हाईवे के निर्माण और रख-रखाव के साथ ही इसे सौर ऊर्जा से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है.
इसी क्रम में उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे को सौर ऊर्जा से लैस करेगा. यूपीडा ने इसके लिए 'एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट' का लेटर जारी कर दिया है. इसमें बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे को सोलर एक्सप्रेस-वे में परिवर्तित करने की कार्ययोजना का भी जिक्र किया गया है. इस काम को पीपीपी मॉडल के तहत पूरा किया जाएगा.
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सौर ऊर्जा बनेगी बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे की पहचान-
यूपीडा के अनुसार, 296 किमी लंबे बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे को सौर ऊर्जा चालित एक्सप्रेस-वे के तौर पर विकसित करने की विस्तृत कार्ययोजना (डीपीआर) तैयार की गई है. डीपीआर के मुताबिक काम करने के इच्छुक कंपनियों से आवेदन मांगे गए हैं. इसके अंतर्गत, बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे को सौर एक्सप्रेस-वे के तौर पर विकसित करने के लिए सोलर पैनल्स को इंपैनल किया जाएगा.
हाईवे पर ही बनेगा सोलर पार्क-
बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे यूपी का सबसे आधुनिक सुविधा संपन्न एक्सप्रेस-वे में शुमार है. ऐसे में, इसे सौर ऊर्जा से संचालित करने की पहल से इसे नई पहचान मिलेगी. ज्ञात हो कि 4 लेन वाले 296 किमी लंबे इस हाईवे में मेन कैरिज वे और सर्विस लेन के रूप में दो हिस्से हैं. इन्हीं दोनों के बीच लगभग 15 से 20 मीटर चौड़ाई की पट्टी वाला क्षेत्र पूरे एक्सप्रेस-वे में फिलहाल खाली है. इस जगह को कृषि भूमि से अलग करके बाड़ लगाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. अब इसी क्षेत्र को सोलर पैनल से पाटने की योजना है. इससे पूरा एक्सप्रेस-वे सौर ऊर्जा से लैस हो जाएगा.