ससुराल से आइडिया लेकर किसान ने की 2 बीघा में 6 लाख की कमाई
बिहार में नकदी फसल की खेती करने के लिए किसानों की रुचि लगातार बढ़ती जा रही है। परंपरागत खेती में ज्यादा मुनाफा नहीं होना इसकी मुख्य कारण भी है। परंपरागत फसलों की खेती में अधिक वक्त और मेहनत लगती है, लेकिन कमाई नहीं मिलती।
Saral Kisan - बिहार में नकदी फसल की खेती करने के लिए किसानों की रुचि लगातार बढ़ती जा रही है। परंपरागत खेती में ज्यादा मुनाफा नहीं होना इसकी मुख्य कारण भी है। परंपरागत फसलों की खेती में अधिक वक्त और मेहनत लगती है, लेकिन कमाई नहीं मिलती। नकदी फसल की खेती में किसानों को कम समय और कम लागत में अधिक मुनाफा मिलता है। यही कारण है कि किसान नगदी फसल में सबसे अधिक सब्जी खेती करने में रुचि ले रहे हैं।
बेगूसराय के किसान अब बड़े पैमाने पर सब्जी खेती करने लगे हैं और इससे मुनाफा भी कमा रहे हैं। आज हम बेगूसराय के युवा किसान मनोज कुमार से बात करेंगे। जो 1990 से सब्जी उत्पादन कर रहे हैं। मनोज को उनके ससुराल से सब्जी की खेती करने की प्रेरणा मिली। 10 कट्ठे में परवल की खेती से शुरूआत की। जब एक बीघा में मुनाफा हुआ तो दो बीघा में भी खेती करने लगे। पांच सदस्यों का परिवार सिर्फ सब्जी की खेती से चल रहा है।
ससुराल से प्राप्त परवल की खेती का विचार
बेगूसराय जिला मुख्यालय से 46 किमी दूर नावकोठी प्रखंड के रजाकपुर गांव में वार्ड संख्या-3 में रहने वाले राम सागर सिंह के पुत्र मनोज कुमार की शादी खगड़िया जिले में हुई है। मनोज ने बताया कि उनकी शादी 1990 में हुई थी। शादी करके गांव के लोगों को खेती करते देखा। साला ने ही आसपास के किसानों को एकत्रित किया। परवल की खेती कर रहे किसानों को कमाई और खेती का तरीका भी बताया। किसानों की खुशहाली देखकर वे हैरत में पड़ गए।
किसानों की खुशहाली देखकर खुश हो गए
मनोज ने बताया कि वह किसानों की खुशी देखकर बहुत प्रभावित हुआ और अब सिर्फ सब्जी की खेती करना चाहता था। ससुराल से वापस आने पर दस कट्ठे में परवल लगाया। इसके बाद, उन्होंने आमदनी को देखते हुए अपनी खेती का क्षेत्रफल धीरे-धीरे बढ़ाकर आज दो बीघा तक पहुंच गया है। मनोज ने बताया कि दुधिया वैरायटी और डंडारी के परवल जैविक रूप से बनाए जाते हैं। मनेाज ने जैविक खेती के लाभों का उल्लेख करते हुए कहा कि परवल चमकीला, हर समय ताजा और बेहतरीन स्वाद होता है। इसलिए बाजार में अधिक मांग है।
50 हजार प्रति महीने की कमाई
किसान मनोज कुमार ने कहा कि परवल खेती ने जीवन बदल दिया। उन्होंने कहा कि बड़े पैमाने पर परवल की खेती करने के लिए एक लाख की आवश्यकता होगी। पास में पूंजी नहीं थी, इसलिए निजी बैंक से एक लाख का लोन लिया। दो बीघा से सप्ताह में चार क्विंटल परवल का उत्पादन होता है। जो व्यापारी को दिया जाता है। वहीं परवल की खेती से ही हर महीने पांच सौ हजार रुपये की कमाई होती है। वहीं परवल की खेती में हर साल 1 लाख खर्च कर 6 लाख की आमदनी कर रहे हैं।
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