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उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में लगाए जायेंगे अर्ली वार्निंग सिस्टम, जनता को मिलेगा ये फायदा

UP News :उत्तर प्रथम राज्य है यहां आपदा राहत वितरण हेतु एंड-टू-एंड कंप्यूटराइज्ड रिलीफ मैनेजमेंट सिस्टम लागू किया गया है। इसमें लाभार्थी के चयन से लेकर, डिजिटल अप्रूवल तथा खाते में धनराशि हस्तान्तरित करने तक की पूरी प्रक्रिया पेपरलेस हो गई है।
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Early warning system will be installed in 75 districts of Uttar Pradesh, public will get this benefit

UP News : उत्तर प्रदेश में अब हर आपदा से लड़ने के लिए अर्ली वार्निंग सिस्टम लगाए जाएंगे. जानकारी के अनुसार प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा यूपी के 75 जिलों में जल्द ही सिस्टम लगाए जाने के आदेश जारी किए हैं.

प्रदेश में स्थापित होगा आपदा राहत प्रशिक्षण केंद्र

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को राष्ट्रीय आपदा मोचक बल (NDRF) और राज्य आपदा मोचक बल (SDRF) के बीच परस्पर समन्वय के साथ प्रदेश में आपदा प्रबंधन के कार्यों को और प्रभावी बनाने के लिए जारी प्रयासों की समीक्षा कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए है.

उन्होंने कहा आपदाकाल में राहत कार्यों के लिए योग्य एवं कुशल कार्मिकों की उपलब्धता प्राथमिक आवश्यकता है. जितने दक्ष कार्मिक होंगे,राहत कार्य उतना ही अधिक प्रभावी होगा. प्रदेश में आपदा प्रबंधन कार्य मे संलग्न कार्मिकों के बेहतर प्रशिक्षण के लिए एक प्रशिक्षण केंद्र होना जरूरी है.

75 जिलों में लगेंगे सिस्टम

उत्तर प्रदेश में आने वाले तीन महीनों के भीतर सभी 75 जिलों में अर्ली वार्निंग सिस्टम लगाए जाएंगे. इसी के साथ भारत सरकार द्वारा विकसित कराए गए दामिनी एप, मेघदूत जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म का भी अधिकाधिक प्रचार-प्रसार किया जाएगा.

बरेली और झांसी होंगे रिजनल सेंटर

प्रदेश के बरेली और झांसी में एनडीआरएफ के रीजनल रिस्पॉन्स सेंटर की स्थापना की जाएगी. इसी के साथ आपदाकाल में NDRF व SDRF कर्मियों ने सेवा और दक्षता का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया था. इसीलिए लखनऊ में एनडीआरएफ मुख्यालय भवन क्रियाशील होने जा रहा है. सीएम योगी ने कहा उत्तर प्रदेश सर्वाधिक आपदा मित्रों वाला राज्य है. जिन जिलों में अभी तक इनकी तैनाती नहीं है. वहां तत्काल किया जाए. इनके प्रशिक्षण की कार्रवाई भी तेजी से पूरी की जाए.

यूपी में ही मौजूद है एंड-टू-एंड कंप्यूटराइज्ड रिलीफ मैनेजमेंट सिस्टम

उत्तर प्रदेश प्रथम राज्य है यहां आपदा राहत वितरण हेतु एंड-टू-एंड कंप्यूटराइज्ड रिलीफ मैनेजमेंट सिस्टम लागू किया गया है. इसमें लाभार्थी के चयन से लेकर, डिजिटल अप्रूवल तथा खाते में धनराशि हस्तान्तरित करने तक की पूरी प्रक्रिया पेपरलेस हो गई है. इससे राहत वितरण में पारदर्शिता के साथ-साथ समय की बचत भी सुनिश्चित हो गई है. इसे और उपयोगी बनाने का प्रयास हो किया जा रहा है.

बचाव दलों की पूरी हो सुरक्षा

योगी आदित्यनाथ ने बचाव कार्य कर रहे कर्मचारियों की सुरक्षा के बारे में कहा कि बाढ़ या फिर फिर किसी भी तरह का बचाव कार्य कर रहे कर्मचारियों को पूरी तरह सुरक्षा दी जाए. लाइफ जैकेट से लेकर बोट्स की व्यवस्था कराई जाए. चोटी बोट्स का इस्तेमाल ना किया जाए. इसी के साथ उन्होंने कहा कि लोगों में आपातकालीन स्थिती के लिए जागरूकता भी फैलाई जाए.

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