क्या आप जानते है इन दुर्लभ पौधों के बारे में? ये है खासियत
Saral Kisan : धरती पर कई अजीब चीजें मिलती हैं। आज भी वैज्ञानिकों ने इनका रहस्य नहीं खोला है। धरती पर बहुत से पेड़-पौधे दैवीय और चमत्कारिक हैं। कई पौधे और पेड़ रोते हैं, खाने की मांग करते हैं और अपने से दूसरे स्थान पर जाते हैं। क्योंकि आम पौधे ऐसा नहीं कर सकते, चमात्कारिक पौधे ही ऐसा कर सकते हैं। दुनिया भर में लगभग चार लाख प्रजातियां हैं। इनमें से कुछ पौधे पूरी तरह से अलग हैं। ऐसे ही चमत्कारिक पेड़-पौधे जानें..
पौधे का पानी
केलेमस अंडमानिक्स भारत के अंडमान निकोबार में एक विशिष्ट पौधा है। इस पौधे की जड़ से पीने योग्य पानी निकलता है। जब पानी नहीं मिलता, स्थानीय आदिवासियों ने इस पौधे से निकलने वाले पानी से अपनी प्यास बुझाई है। तो वहीं, अफ्रीका में पाए जाने वाले बाओब के पेड़ हजारों साल पुराने होते हैं और करीब 80 मीटर ऊंचे होते हैं। इस पेड़ का आकार एक बोतल से मिलता है। इस पेड़ में बहुत पानी जमा है।
पौधे से प्रकाश
धरती पर कई पौधे अंधरे में रोशनी निकालते हैं, तो कई पौधे के तने से रिसने वाला पानी रात के अंधेरे में चमकता है। मशरूम की कुछ प्रजातियां कई रंगों की रोशनी निकालती हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि रंग-बिरंगे प्रकाश की उत्पत्ति एंजाइम और ऑक्सीजन से होती है।
शर्मिंदा पौधे
तुमने सुना होगा कि लोग या जानवर शर्माते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि पौधे भी शर्माते हैं? हाँ, पौधे भी शर्मिंदा हैं। लाजवंती एक शर्मनाक पौधा है। यह पौधा इंसान के छूने से शर्माता है, इसलिए पत्तियों को सिकोड़ लेता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इन पौधों की पत्तियों में एक खास तरह का तरल पदार्थ भरा है। यह किसी से संपर्क नहीं करता, इसलिए पत्तियां तुरंत मुरझा जाती हैं।
रोते हुए पौधे खाना मांगते हैं
मेंड्रेक नामक पौधा भूमध्य सागर में पाया जाता है। इस पौधे की आकृति इंसान की आकृति से मिलती है। इन पौधों को काटा जाएगा तो वे रोते हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि जब इन पौधों को पानी या कुछ भी चाहिए, तो वे आवाज करते हैं। लेकिन इंसान इसे सुन नहीं सकते क्योंकि यह अल्ट्रसोनिक वेव्स हैं और उनकी पिच अधिक है।
चलते पौधे
ऐसे भी पेड़ हैं जो चलते हैं। यह पौधे खारे पानी या दलदल में बढ़ते हैं। इन विशाल पेड़ों का नाम मैनग्रेव है, जो हजारों किलोमीटर दूर चलते हैं। यद्यपि इनके पैर नहीं हैं, यह फैलाव की वजह से कई किमी को कवर करते हैं। भारत में यह पौधे पाए जाते हैं।
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