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अगले चार वर्ष तक इन शहरों में बंद होंगी डीजल गड़िया, जाने क्यू सख्त हैं सरकार

इस वर्ष मई में, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के एक पैनल ने वर्ष 2027 तक डीजल से चलने वाले चार पहिया वाहनों पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव सरकार को भेजा. इन शहरों में 10 लाख से अधिक लोग रहते हैं।

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Diesel vehicles will be closed in these cities for the next four years, know why the government is strict

Saral Kisan - इस वर्ष मई में, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के एक पैनल ने वर्ष 2027 तक डीजल से चलने वाले चार पहिया वाहनों पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव सरकार को भेजा. इन शहरों में 10 लाख से अधिक लोग रहते हैं। यह भी कहा कि इलेक्ट्रिक और गैस-ईंधन वाले वाहनों का प्रोत्साहन किया जाएगा। सरकार ने अभी इस पर कोई निर्णय नहीं लिया है, लेकिन बढ़ते प्रदूषण को कम करने के लिए कठोर कार्रवाई कर सकती है।

सरकार ने निम्नलिखित कार्रवाई की: पिछले कुछ वर्षों में सरकार ने देश के प्रमुख शहरों में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इसके तहत, देश में स्वच्छ ईंधन के लिए फेम योजना के बीएस6 चरण-2 को इसी साल अप्रैल से लागू किया गया है। साथ ही कंपनियों को इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए रियायत दी गई है। एथनॉल ईंधन गाड़ी में लागू होने लगा है। वर्तमान में पेट्रोल में 11.75 प्रतिशत एथनॉल का मिश्रण होता है, लेकिन लक्ष्य इसे 20 प्रतिशत करना है। भारत का लक्ष्य 2030 तक अपनी बॉयो ईंधन की हिस्सेदारी को 6.2% से बढ़ाकर 15% करना है।

डीजल वाहनों में कितने भाग हैं: भारत का डीजल, जिसका 80% परिवहन क्षेत्र में उपयोग किया जाता है, रिफाइंड ईंधन की खपत का लगभग दो-पांचवां हिस्सा है। सियाम की रिपोर्ट के अनुसार, 2013 के वित्त वर्ष में डीजल कारों की हिस्सेदारी 58% थी, जो 2017 में 40% हो गई। 21वें वित्त वर्ष में यह 17 प्रतिशत से भी कम हो गया। अर्थ वर्ष 23 में यह 19% से भी कम है।

इसलिए डीजल: डीजल वाहनों से प्रदूषक कण पर्टिकुलर मैटर (पीएम) का उत्पादन बहुत अधिक होता है। लंबे समय तक ऐसी गैसों या हवा से संपर्क में रहने से फेफड़ों की समस्याएं, अस्थमा और कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। वायु प्रदूषण जीवन प्रत्याशा को भी कम करता है, ऐसा कई अध्ययनों ने पाया है। व्यवसाय भी सतर्क हैं: वाहन निर्माता कंपनियां डीजल कार बनाने को लेकर चिंतित हैं और इसे कम करने की कोशिश कर रहे हैं। मारुति सुजुकी इंडिया और होंडा सहित कई कार कंपनियों ने डीजल से चलने वाली कारों को यात्री वाहन खंड में पहले ही बंद कर दिया है। टोयोटा और मारुति वहीं फ्लेक्स-फ्यूल कार बना रहे हैं।

इन देशों ने प्रतिबंध की योजना बनाई: 2030 तक अमेरिका डीजल वाले वाहनों पर प्रतिबंध लगाने की योजना बना रहा है। Jun 2022 में, भारी गैस उत्सर्जित करने वाले वाहनों पर पेरिस में प्रतिबंध लगा दिया गया। 2040 तक फ्रांस जीवाश्म ईंधन वाली कार की बिक्री बंद कर देगा। ब्रिटेन भी वर्ष 2030 से नई डीजल और पेट्रोलियम वाहनों पर प्रतिबंध लगाने की योजना बना रहा है।

पैनल की महत्वपूर्ण सिफारिशें

- 2024 से बिजली से चलने वाले वाहनों को ही पंजीकरण करना चाहिए - 2030 तक सिटी बसों को इलेक्ट्रिक नहीं बनाना चाहिए

- प्राकृतिक गैस का वाहन उद्योग में अधिक उपयोग किया जाए

डीजल वाहनों पर 10% अतिरिक्त जीएसटी लागू नहीं

मंगलवार को केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि सरकार के पास डीजल वाहनों पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त जीएसटी लगाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। इससे पहले, उन्होंने डीजल वाहनों पर अधिक कर लगाने की जरूरत बताई थी ताकि प्रदूषण को कम किया जा सके।

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