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Gwalior Agra Expressway का अधिग्रहण के चलते अधर में लटका निर्माण, 2645 किसानों ने नहीं दी बैंक खाते की जानकारी

किसानों का मानना है कि सरकार जमीन के बदले एक हेक्टेयर का कलेक्टर रेट 10 लाख रुपए दे रही है। लेकिन गांव में जमीन की कीमत 50 लाख रुपए तक पहुंच गई है। राजस्थान उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश को जोड़ने वाला यह है प्रस्तावित अटल प्रगति पथ किसानों के विरोध की वजह से अधर में लटका हुआ है।
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Gwalior Agra Expressway का अधिग्रहण के चलते अधर में लटका निर्माण, 2645 किसानों ने नहीं दी बैंक खाते की जानकारी 

Gwalior Agra Expressway : ग्वालियर से आगरा के बीच बनाया जा रहा सिक्स लेन ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे का प्रोजेक्ट मुरैना में जमीनों के अधिग्रहण के मुद्दे पर फंसा हुआ है। सरकार द्वारा जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई अंतिम चरण यानी मुआवजे की स्थिति तक पहुंच चुकी है। लेकिन यहां के अधिकतर किसान मुआवजा लेने के लिए बैंक खाता आधार कार्ड और अन्य जरूरी कागजात नहीं दे रहे हैं। 

किसानों का मानना है कि सरकार जमीन के बदले एक हेक्टेयर का कलेक्टर रेट 10 लाख रुपए दे रही है। लेकिन गांव में जमीन की कीमत 50 लाख रुपए तक पहुंच गई है। राजस्थान उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश को जोड़ने वाला यह है प्रस्तावित अटल प्रगति पथ किसानों के विरोध की वजह से अधर में लटका हुआ है।

ग्वालियर से आगरा के बीच बनाए जा रहे 6 लेन एक्सप्रेसवे का काम जोरों पर चल रहा है। इसी बीच इस एक्सप्रेसवे के लिए मध्य प्रदेश के ग्वालियर, मुरैना, राजस्थान के धौलपुर और उत्तर प्रदेश के आगरा में जमीनों का अधिग्रहण किया जाने वाला है। सबसे अधिक मुरैना जिले के 42 गांव से जमीन अधिग्रहण किया जाएगा।

इसमें मध्य प्रदेश के मुरैना जिले के 22 गांव से 6765 किसानों की 180 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। इसके साथ-साथ अंबाह ब्लॉक के 3 तीन गांवों की करीबन 20 हेक्टर जमीन का अधिग्रहण किया जायेगा। इन 7347 किसानों में से 2645 किसानों के बैंक खाते की जानकारी नहीं मिल पाई है। इनमें से अधिकांश किसान आरोप लगा रहे हैं कि उनकी जानकारी पीएम किसान निधि में से उठा ली गई है। लेकिन वह जमीन देने में सहमत नहीं है। 17 गांवों के करीबन 300 किसान तो अधिग्रहण के चलते जमीन सर्वे का विरोध कर रहे है। 

आगरा – ग्वालियर एक्सप्रेसवे जरूरी 

ग्वालियर से मुरैना आगरा होकर दिल्ली से जुड़ने वाले हाईवे पर क्षमता से तीन गुना ज्यादा वाहन चल रहे हैं। इसलिए आगरा से ग्वालियर तक ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे को सरकार ने मंजूरी दी थी। ग्वालियर से आगरा की दूरी इस एक्सप्रेसवे को बनाए जाने के बाद 120 किलोमीटर से घटकर 88 किलोमीटर रह जाएगी। इस एक्सप्रेसवे को बनाने में 4600 करोड़ की लागत आएगी। 



 

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