Bladder: क्या होता हैं ब्लेडर, अगर पेशाब रोकने से फट जाए तो फिर क्या होगा
पेट की बीमारियाँ कभी-कभी गंभीर हो जाती हैं। ऐसी ही समस्याओं में से एक है यूरिन प्रॉब्लम या यूरिनरी टैक्ट इन्फेक्शन। यूरिन समय पर आना चाहिए। ज्यादातर लोग सर्दियों में चार से पांच बार और गर्मियों में तीन से चार बार यूरिन लेते हैं।
Urinary Tract Infection: पेट की बीमारियाँ कभी-कभी गंभीर हो जाती हैं। ऐसी ही समस्याओं में से एक है यूरिन प्रॉब्लम या यूरिनरी टैक्ट इन्फेक्शन। यूरिन समय पर आना चाहिए। ज्यादातर लोग सर्दियों में चार से पांच बार और गर्मियों में तीन से चार बार यूरिन लेते हैं। यूरिन जाना आम है। 3 से 4 बार प्रति दिन यूरिन जाना भी स्वस्थ व्यक्ति का संकेत है। लेकिन यूरिन ही नहीं आता तो? डॉक्टरों ने कहा कि यूरिन बंद होने पर परिणाम गंभीर हो सकते हैं।
क्या ब्लैडर फट सकता है -
यूरीनरी ब्लैडर की समस्या तेजी से फैल रही है। यह समस्या ब्लैडर वाल्व को कमजोर करने से बढ़ जाती है। दरअसल, पेल्विस बोन के नीचे यूरिनरी ब्लैडर होता है। ब्रेन सिग्नल्स इसे जोड़ते हैं। एडल्ट स्टेज में पेशाब की थैली 450-500 मिलीलीटर की कैपिसिटी रखती है। छोटे बच्चों की पेशाब थेली कम विकसित होती है। यह उम्र के साथ धीरे-धीरे बढ़ता जाता है। अगर किसी इन्फेक्शन के कारण यूरिन पास करने में कठिनाई होती है, तो ब्लैडर फट सकता है।
लक्षणों की गंभरीता निर्धारित करें
यूरिनरी ब्लैडर में इंफेक्शन से कई समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इनके लक्षण भी प्रकट होने लगते हैं। जैसे, यूरिन करने में परेशानी, जलन, धीरे-धीरे या अचानक बंद हो जाना, मवाद, पेट के निचले हिस्से में भारीपन, ब्लैडर में इन्फेक्शन। यदि अन्य संकेत दिखते हैं तो आपको अधिक सतर्क रहना चाहिए। ये शामिल हैं: खांसते व छींकते वक्त यूरिन पास होना, किडनी व यूरेथरा में पथरी की समस्या होना, यूरिन में ब्लड आना, तेज दर्द होना आदि।
ब्लैडर ट्रांसप्लांट नहीं हो सकता
बॉडी के कई भागों को ट्रांसप्लांट करके एक तरह से पुनर्जीवित किया जाता है। इन्हें किडनी, लिवर और लंग्स भी शामिल करते हैं। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि ब्लैडर ट्रांसप्लांट, लिवर ट्रांसप्लांट की तरह मुश्किल है। इसकी वजह ब्रेन से ब्लैडर का सीधा संबंध है। ब्रैन सिग्नल देने पर यूरिन पास होने लगता है। इस तरह ब्लैडर ट्रांसप्लांट होगा। लेकिन ब्लैडर को दिमाग की तंत्रिकाओं से जोड़ना कठिन है। ब्लैडर कैंसर से पीड़ित लोगों का ब्लैडर आंतों से बनाया जाता है। यह आम ब्लैडर से अलग है। इससे काफी हद तक यूरिन की परेशानी दूर हो जाती है. यूरिन प्रॉब्लम हो रही है तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं. यूरिन की जांच, कल्चर टेस्ट, सीटी स्कैन, एमआरआई कराकर पता किया जा सकता है कि यूरिन में असल दिक्कत कहां हैं. इसके आधार पर ही इलाज कराया जाता है.