Bihar Railways : बिहार का सबसे पुराना रेलवे स्टेशन, 162 साल पहले हुआ था शुरू
Bihar Railways : आज हम आपको अपनी इस खबर में बिहार के सबसे पुराने रेलवे स्टेशन के बारे में बताने जा रहे है। जो 162 साल पहले शुरू हुआ था। आज राज्य के लगभग हर हिस्से में रेलगाड़ियां चलने लगी है, पर बिहार में रेलवे की शुरुआत मुगलसराय से पटना, किउल, झाझा के रास्ते हावड़ा तक ट्रैक बिछाए जाने के साथ हुई थी...
Bihar : सिख वास्तुकला से सुशोभित पटना साहिब रेलवे स्टेशन का इतिहास 162 वर्ष पुराना है. इतिहासकारों के मुताबिक ये बिहार का सबसे पुराना रेलवे स्टेशन है. आज राज्य के लगभग हर हिस्से में रेलगाड़ियां चलने लगी है, पर बिहार में रेलवे की शुरुआत मुगलसराय से पटना, किउल, झाझा के रास्ते हावड़ा तक ट्रैक बिछाए जाने के साथ हुई थी.
बिहार का सबसे प्रमुख स्टेशन तब भी पटना ही हुआ करता था, लेकिन यह पटना स्टेशन अब वाला पटना जंक्शन नहीं है. पटना का सबसे पुराना रेलवे स्टेशन 162 वर्ष का हो गया है. मौजूदा पटना जंक्शन इसके बहुत बाद बनाया गया है.
कैसे बना यह रेलवे स्टेशन
1861 के ब्रिटिश शासनकाल के दौरान ही इस स्टेशन को पटना स्टेशन के रूप में स्थापित किया गया था. इसे 1862 में दानापुर-लखीसराय रेलखंड (Broad Gauge) के साथ स्थापित किया गया था. उसके बाद 1867 में दानापुर से फतुहा-दानापुर के बीच रेलवे लाइन के दोहरीकरण का कार्य संपन्न हुआ. पटना साहिब स्टेशन कभी बेगमपुर स्टेशन के नाम से भी जाना जाता था.
राकेश कुमार यादव बताते हैं कि कुछ अवधि के लिए यह स्टेशन बांकीपुर स्टेशन के नाम से जाना जाता गया. बाद में गया रेलवे लाइन से जब पटना को जोड़ा गया, तब वर्ष 1939 में पटना जंक्शन का निर्माण हुआ. इसके बाद ही पुराने पटना स्टेशन का नाम बदल कर पटना सिटी किया गया.
सरदार बूटा सिंह के रेल मंत्री रहते बदला नाम
10वें गुरु की जनस्थली होने के कारण पटना सिटी का नाम बदल कर इसे पटना साहिब कर दिया गया. इंदिरा गांधी के कार्यकाल के समय सरदार बूटा सिंह रेल मंत्री थे. कई लोगों का मत है कि इनके प्रयास से ही इस स्टेशन का नाम पटना साहिब कर दिया गया था.
यहां ठहरती है 125 से अधिक ट्रेन
वर्तमान में दानापुर रेल डिवीजन पूर्व-मध्य रेलवे का यह रेलवे स्टेशन है. पटना के छह प्रमुख रेलवे स्टेशनों में से एक है पटना साहिब. पटना साहिब स्टेशन दिल्ली-कोलकाता मेन लाइन वाया पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन रूट को जोड़ता है. यहां प्रतिदिन 125 से अधिक ट्रेनों का ठहराव होता है. प्रतिदिन इस स्टेशन से 50 हजार से अधिक यात्रियों की आवाजाही होती है.
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