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Bihar Metro : 31.39 किमी. होगी बिहार मेट्रो लाइन, काम पूरा होने में लगेंगे इतने साल

पटना में मेट्रो का काम ज़ोरों शोरों से चल रहा है और इसे तीन भागों में बांटा गया है, इस पूरे प्रोजेक्ट को खत्म होने में अभी कुछ समय और समय लगेगा.
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Bihar Metro: 31.39 km. There will be Bihar Metro line, it will take so many years to complete the work

Bihar Metro : अगले चार से पांच वर्षों के अंदर पटना शहर में मेट्रो का सफर शुरू हो सकता है. राज्य सरकार की योजना के मुताबिक पटना मेट्रो के दोनों कॉरिडोर पटना जंक्शन से आइएसबीटी और दानापुर से मीठापुर पर काम शुरू हो चुका है. कॉरिडोर दो में एलिवेटेड के साथ ही अंडरग्राउंड का काम भी चल रहा है, जबकि कॉरिडोर वन में एलिवेटेड का काम तो शुरू है, लेकिन अंडरग्राउंड कार्य शुरू होना अभी बाकी है.

कॉरिडोर दो के एलिवेटेड रूट पर सबसे अधिक काम

कॉरिडोर टू में मलाही पकड़ी से आइएसबीटी तक के एलिवेटेड रूट पर सबसे तेजी से काम चल रहा है. इस रूट पर ओवरऑल 42 फीसदी काम पूरा हो चुका है. सभी पिलर तैयार हो चुके हैं और उन पर यू-गार्डर चढ़ाये जाने का काम चल रहा है. गार्डर रखने के बाद बेस तैयार होते ही उस पर ट्रैक बिछाने के साथ ही इलेक्ट्रिक आदि काम होंगे. लगभग सात किमी लंबे प्रायोरिटी कॉरिडोर पर पांच मेट्रो स्टेशन मलाही पकड़ी, खेमनीचक, भूतनाथ, जीरो माइल और पाटलिपुत्र बस टर्मिनल बनाया जाना है. पाटलिपुत्र बस टर्मिनल के पास बनाये जाने वाले मेट्रो स्टेशन के निर्माण को लेकर क्रॉस आर्म लांच कर दिया गया है, जबकि खेमनीचक और भूतनाथ स्टेशन पर इसकी तैयारी चल रही है. डीएमआरसी के मुताबिक 2024 तक प्रायोरिटी कोरिडोर का सिविल काम खत्म करने का लक्ष्य है.

अंडरग्राउंड रूट पर जमीन से 16 मीटर नीचे हो रही खुदाई

कॉरिडोर टू के ही अंडरग्राउंड रूट (पटना जंक्शन से फ्रेजर रोड, गांधी मैदान, अशोक राजपथ होते हुए राजेंद्र नगर तक) पर भी अप्रैल 2023 से काम की शुरुआत हो चुकी है. इस अंडरग्राउंड रूट पर खुदाई का काम मोइनुल हक स्टेडियम से किया गया है. भूमिगत खुदाई के लिए 420 मीट्रिक टन वजनी टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) का इस्तेमाल किया जा रहा है. करीब 60 हाथी के वजन के बराबर यह मशीन जमीन के स्तर से 16 मीटर नीचे खुदाई कर मेट्रो के लिए रास्ता बनाने का काम कर रही है. 'महावीर ' नामक पहले टीबीएम ने अप्रैल के पहले हफ्ते में खुदाई शुरू की थी. एक महीने के अंदर ही दूसरी टीबीएम भी उससे कुछ दूरी पर लांच कर दी गयी. उम्मीद जतायी गयी है कि दोनों टीबीएम मोइनुल हक स्टेडियम से विश्वविद्यालय स्टेशन (पटना विवि) तक की 1494 मीटर की दूरी सितंबर 2023 तक तय कर लेंगे. विवि तक खुदाई पूरी होने के बाद दोनों टीबीएम को रिट्रीव कर री-लॉन्च किया जायेगा. इस कॉरिडोर के लिए चार टीबीएम तैनात किये जाने हैं, जिनमें से दो टीबीएम सितंबर माह में गांधी मैदान स्टेशन पर लांच किये जायेंगे. यह दोनों टीबीएम गांधी मैदान से पटना जंक्शन तक अंडरग्राउंड रूट की खुदाई करेंगे.

कॉरिडोर वन : 11 फीसदी काम पूरा, मार्च 2024 तक भूमिगत खुदाई शुरू होने की उम्मीद

पटना मेट्रो के कॉरिडोर टू (दानापुर से पटना जंक्शन) में बेली रोड पर बनने वाले छह भूमिगत (अंडरग्राउंड) स्टेशनों के लिए सुरंग खोदाई का काम अगले साल मार्च तक शुरू हो सकता है. फिलहाल इस कॉरिडोर के एलिवेटेड सेक्शन दानापुर से रूकनपुरा तक पर काम चल रहा है. सगुना मोड़ से रूकनपुरा तक बेली रोड पर पिलर दिखने लगे हैं. दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन (डीएमआरसी) के अनुसार, इन पांच स्टेशनों के एलिवेटेड रूट का अभी 11 से 12 प्रतिशत काम पूरा हुआ है. कॉरिडोर वन की मेट्रो दानापुर से रूकनपुरा तक एलिवेटेड आयेगी, जबकि उसके बाद बेली रोड और पटना जंक्शन होते हुए मीठापुर तक अंडरग्राउंड रहेगी. इसमें रूकनपुरा, पाटलिपुत्र, आरपीएस मोड़, सगुना मोड़ और दानापुर पांच स्टेशनों का काम अभी चल रहा है.

भूमिगत खुदाई के लिए जाइका की मंजूरी का इंतजार

डीएमआरसी के मुताबिक कॉरिडोर वन पर भूमिगत खुदाई का काम जापान इंटरनेशनल को-आपरेशन एजेंसी (जाइका) के फंड से होना है. जाइका ने फंड की स्वीकृति दे दी है, मगर टेंडर प्रक्रिया अब तक शुरू नहीं हो सकी है. प्रक्रियाओं को देखते हुए अगले साल मार्च तक पटना स्टेशन से रूकनपुरा तक के भूमिगत स्टेशनों का काम शुरू होने की उम्मीद लगायी जा रही है. इस रूट पर रूकनपुरा, राजाबाजार, पटना जू, विकास भवन, विद्युत भवन और पटना स्टेशन सहित छह भूमिगत स्टेशन हैं, जिसके लिए सुरंग खोदाई का काम अभी शुरू होना बाकी है.

खेमनीचक और पटना जंक्शन होंगे इंटरचेंज स्टेशन

पटना मेट्रो के पटना स्टेशन और खेमनी चक इंटरचेंज स्टेशन होंगे, जहां से कॉरिडोर वन और कॉरिडोर टू दोनों के लिए मेट्रो मिल सकेगी. खेमनीचक में एलिवेटेड मेट्रो स्टेशन बनाया जाना है, जहां एक ही लेवल पर दोनों प्लेटफार्म होंगे. एक प्लेटफॉर्म से राजेंद्र नगर, अशोक राजपथ, फ्रेजर रोड होते हुए जंक्शन जाने वाली रूट की मेट्रो मिलेगी, वहीं दूसरे प्लेटफॉर्म से पुराना मीठापुर बस स्टैंड, पटना जंक्शन, बेली रोड होते हुए सगुना मोड़ तक जाने वाली मेट्रो पकड़ सकेंगे.

वहीं, पटना स्टेशन मेट्रो के सबसे लंबे अंडरग्राउंड स्टेशनों में से एक होगा. इसकी कुल लंबाई 345 मीटर और ट्रैक की गहराई जमीनी स्तर से लगभग 23 मीटर होगी. वहीं, पटना स्टेशन तीन तल का होगा. कॉन्कोर्स माइनस एक (-1) तल पर होगा और इसके नीचे दो और तल पर प्लेटफार्म होंगे. कॉरिडोर- दो का प्लेटफॉर्म कॉन्कोर्स के नीचे और कॉरिडोर-एक का प्लेटफॉर्म उसके भी नीचे होगा. यह सभी तल एक दूसरे और भूतल से जुड़े होंगे. सबसे नीचे के प्लेटफॉर्म से दानापुर से मीठापुर के लिए मेट्रो चलेगी.

सभी अंडरग्राउंड स्टेशनों के प्लेटफॉर्म होंगे आइलैंड नुमा

पटना मेट्रो के सभी अंडरग्राउंड स्टेशन के प्लेटफार्म आइलैंड नुमा होंगे. अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशन पर जब आप खड़े होंगे तो आपके दोनों ओर गाड़ियां चलेंगी. मेट्रो की पटरियां प्लेटफॉर्म के समानांतर दोनों ओर होंगी जहां से दोनों तरफ से मेट्रो ट्रेन गुजरेंगी.

सितंबर 2019 में डीएमआरसी के साथ हुआ था एमओयू

पटना मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) के साथ 25 सितंबर 2019 को एमओयू हुआ है. कुल 31.39 किलोमीटर लंबी पटना मेट्रो का दानापुर से मीठापुर का हिस्सा 16.94 किलोमीटर जबकि पटना रेलवे स्टेशन से न्यू आइएसबीटी का हिस्सा 14.45 किलोमीटर लंबा है. दिल्ली मेट्रो इस पूरी परियोजना के कार्यान्वयन के लिए जिम्मेदार है, जिसमें निविदा, सिविल कार्यों के लिए ठेकेदारों का चयन, सिस्टम (सिग्नलिंग, संचार, इएंडएम आदि) रोलिंग स्टॉक, एएफसी, सिविल वर्क सिस्टम सुरक्षा, गुणवत्ता और अन्य शामिल है. संपूर्ण पटना मेट्रो परियोजना के लिए एकमात्र डिपो पाटलिपुत्र बस टर्मिनल के पास प्रस्तावित है.

परियोजना विवरण :

कुल नेटवर्क : लंबाई 32.50 किमी

कुल स्टेशन : 26

एलिवेटेड : 13 स्टेशन (13.91 किमी)

अंडरग्राउंड : 13 स्टेशन (18.59 किमी)

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