बिहार का किसान मशरूम के साथ कर रहा बीज का उत्पादन, पढ़िए सुषमा की सफलता की कहानी
Saral Kisan : मशरूम की खेती करने के लिए आपको बीज या प्लान लेना होगा। 2014 से सुषमा मशरूम के बीज उत्पादन कर रही है। शहर के पहाड़ी मोहल्ले में रहने वाली सुषमा ने बताया कि बीज के लिए उन्हें बार-बार रांची या पटना जाना पड़ता था, जिसके बाद उन्होंने बीज उत्पादन करने का विचार बनाया। रांची से मशरूम बीज उत्पादन में प्रशिक्षण प्राप्त करके बीज उत्पादन शुरू किया। शुरुआत में बहुत नुकसान हुआ, लेकिन बाद में बेहतर बीज मिलने लगे।
बीज उत्पादन में गेहूं को सबसे पहले उबाला जाता है। इसके बाद निश्चित मात्रा में कैल्शियम सल्फेट और कैल्शियम कार्बोनेट को मिलाया जाता है। इसके बाद उसे आधे घंटे के लिए उपलब्ध कराया जाता है, फिर उसमें मदर कल्चर मिलाया जाता है। वह रांची में स्थित रामकृष्ण मिशन लैब से मदर कल्चर की मांग करती है। बीज इसके बाद आठ से दस दिन में तैयार होता है। इसके लिए उन्होंने अपने घर में 8 बाय 10 फीट का एक कमरा बनाया है। जिसमें चालिस से पच्चीस केजी वेस्टर मशरूम बीज तैयार हैं। जो 120 से 130 रुपये प्रति किलो है। वह बटर मशरूम या मिल्की मशरूम का बीज भी ऑर्डर पर बनाती है।
10 बाई 10 के कमरे में एक महरूम तैयार होगा
उनका कहना था कि वे लोगों को बीज और मशरूम की खेती का प्रशिक्षण भी देते हैं। 10 बाय 10 के कमरे में मशरूम क्विंटल में उत्पादित किया जा सकता है। उनका कहना था कि 10 बाई 10 के कमरे में 80 से 90 बैग हैंगर विधि से बना सकते हैं। 8 केजी बीज इसके लिए उपयोग कर सकते हैं। इस प्रक्रिया से आप एक महीने में 1 से सवा क्विंटल मशरूम तैयार कर सकते हैं, जो किलो प्रति 150 से 200 रुपये में खरीदा जाता है।
बिहार और छत्तीसगढ़ में बीज आवश्यकता
उन्होंने कहा कि जो भी किसान भाई बहन मशरूम की खेती करना चाहते हैं, उनके पास चालिस से पच्चीस किलो बीज तैयार हैं। वे बीज के लिए रांची या पटना नहीं जाना चाहिए। सभी सीजन के महरूम के बीज हमारे पास तैयार हैं। अगस्त से अप्रैल तक वेस्टर मशरूम खेती की जाती है, मिल्की मशरूम मई से अगस्त तक खेती की जाती है, और बटर मशरूम अक्टूबर से जनवरी तक खेती की जाती है. बिहार और छत्तीसगढ़ के कई जिलों से लोग बीज लेने आते हैं, जो प्रशिक्षण या बीज लेने के लिए 7301934759 नंबर पर संपर्क कर सकते हैं।