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Bank Rules : खाता धारक की मृत्यु के बाद किसको मिलते है पैसे, जानिए बैंक का रूल

जब भी बैंक अकाउंट खोला जाता है तो उस वक्त बैंक अकाउंट खुलवाने वाले शख्स से कई सारी डिटेल मांगी जाती है. इन डिटेल में से एक डिटेल नॉमिनी की भी होती है.अगर आपने अब तक नॉमिनी का नाम नहीं जोड़ा है तो बिना देर किए इसे जोड़े। ताकि खाता धारक की मृत्यु के बाद उसके पैसे नॉमिनी को मिल सके। आइए जानते हैं पूरी जानकारी 

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Bank Rules: Who gets the money after the death of the account holder, know the bank rules

Saral Kisan News : क्या आपने अपना बैंक खाता खोलते वक्त नॉमिनी का नाम एड किया था? क्या आपको याद है कि आपके सेविंग अकाउंट में नॉमिनी कौन है? अगर आपने अपने अपने सेविंग अकाउंट में नॉमिनी का नाम नहीं जोड़ा है या जोड़ना भूल गए हैं तो उसे फौरन पूरा करें। सेविंग बैंक अकाउंट में नॉमिनी का नाम होना इस बात को सुनिश्चित करता है कि आपके जाने के बाद आपकी जमापूंजी आपके अपनों को बिना किसी परेशानी के मिल जाएगी।

खाताधारक की मृत्यु के बाद बैंक खाते में पड़े उसके पैसों का क्या होता है?

अगर खाताधारक की मृत्यु हो जाए तो बैंक खाते में पड़े उसके पैसों को उसके नॉमिनी को सौंप दिया जाता है। बैंक के रिकॉर्ड में मौजूद नॉमिनी की पहचान और वैरिफिकेशन के बाद खाताधारक की सारी जमापूंजी बैंक नॉमिनी को सौंप देती है।

Who are the nominees?

जब भी आप बैंक अकाउंट खोलते हैं या फिर एफडी करवाते हैं तो बैंक की ओर से नॉमिनी का नाम पूछा जाता है। फॉर्म में इसके लिए अलग से कॉलम बना होता है। अगर आप इसके बारे में नहीं जानते हैं तो पहले समझ लें कि ये नॉमिनी होता क्या है? दरअसल नॉमिनी वो व्यक्ति होता है, जो बैंक खाताधारक के मृत्यु के बाद उसके खाते में जमा या एफडी रकम को क्लेम कर सकता है।

Who can be made nominee?

बैंक अकाउंट खोलने के लिए आपको फॉर्म भरना होता है। फॉर्म में एक सेक्शन बना होता है, जहां खाताधारक को नॉमिनी की डिटेल भरनी होती है। सेविंग अकाउंट के लिए आप एक व्यक्ति को नॉमिनी बना सकते हैं।

कौन बन सकता है नॉमिनी ?

नॉमिनी कोई भी बन सकता है। आप जिसपर भरोसा करते हैं, उसे अपना नॉमिनी बना सकते हैं। वो आपके परिवार का भी, आपकी पत्नी/पति, बच्चे, भाई-बहन, दोस्त या रिश्तेदार कोई भी हो सकता है। अगर आप किसी नाबालिग को नॉमिनी बनाते हैं तो आपको उसके अभिभावक के तौर पर एक और नाम शामिल करना होगा, जो बच्चे की ओर से रकम ले सके। अगर खाताधारक के मृत्यु तक नॉमिनी नाबालिग होता है तो बैंक उसके अभिभावक को वो रकम सौंप देती है।

अगर ज्वाइंट अकाउंट हो तो नॉमिनी कैसे तय होगा?

अगर आपका ज्वाइंट अकाउंट है तो सभी खाताधारकों की सहमति से नॉमिनी तय होगा। आप चाहे तो किसी का नाम नॉमिनी में जोड़ या हटा भी सकते हैं। हालांकि अगर ज्वाइंट अकाउंट है तो ऐसा करने के लिए सभी जमाधारकों की सहमति जरूरी होगी।

कितनी बार जोड़ या हटा सकते हैं नॉमिनी?

आप जितनी बार चाहे उतनी बार नॉमिनी जोड़ या हटा सकते हैं। इसके लिए कोई सीमा निर्धारित नहीं की गई है।

सेविंग अकाउंट में क्यों जरूरी है नॉमिनी ?

सेविंग अकाउंट खोलते वक्त नॉमिनी का नाम जोड़ना अनिवार्य है। ऐसा करने से आप अपने परिवार के भविष्य को सुरक्षित करते हैं। अगर आपने अपने अकाउंट में नॉमिनी का नाम शामिल नहीं किया है तो खाताधारक की मृत्यु के बाद फंड ट्रांसफउर करने में मुश्किल होगी।

कैसे चेक करें मैंने नॉमिनी का नाम जोड़ा है कि नहीं?

आप अपने बैंक की शाखा में जाकर अपने बैंक अकाउंट में नॉमिनी का नाम चेक कर सकते हैं। इसके अलावा ऑनलाइन बैंकिंग के माध्यम से भी आप नॉमिनी का नाम चेक कर सकते हैं।

क्या बाद में नॉमिनी जोड़ सकते हैं?

आप चाहे तो ऑनलाइन ही अपने नॉमिनी का नाम अपने सेविंग अकाउंट में जोड़ सकते हैं। नेटबैंकिंग के जरिए आपको ये सुविधा मिलती है। आपको लॉगइन के बाद सेविंग अकाउंट बैंलेंस पर क्लिक करना है। अकाउंट Summary पेज पर क्लिक कर Nominee पर क्लिक करना होगा। वहां Add new Nominee or Modify पर क्लिक कर आप नाम जोड़ या बदल सकते हैं।

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