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NCR के हिस्से में आएगा एक और एक्सप्रेसवे, सर्वे कार्य पूरा, जानिए रूट

FNG Expressway Update : परियोजना के प्रारंभिक कार्यान्वयन से दिल्ली से गाजियाबाद, नोएडा और फरीदाबाद के बीच यात्रा करने वाले एक लाख लोगों को जाम की समस्या से छुटकारा मिलेगा। शहर से हर दिन लगभग एक लाख लोग नोएडा-गाजियाबाद के लिए काम के लिए जाते हैं। नोएडा और फरीदाबाद में यमुना नदी बहती है। लोगों को दिल्ली से कालिंदीकुंज होकर नोएडा जाना पड़ता है।
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NCR के हिस्से में आएगा एक और एक्सप्रेसवे, सर्वे कार्य पूरा, जानिए रूट

Uttar Pradesh : NCR के शहर फरीदाबाद से नोएडा और गाजियाबाद जाने वालों को राहत मिली है। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने फरीदाबाद-नोएडा-गाजियाबाद एक्सप्रेसवे की परियोजना का सर्वे पूरा कर लिया है। नई डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) में तीन अलांइमेंट बनाए गए हैं। PWD मुख्यालय से मंजूरी मिलने पर एक पर काम शुरू किया जाएगा।

परियोजना के प्रारंभिक कार्यान्वयन से दिल्ली से गाजियाबाद, नोएडा और फरीदाबाद के बीच यात्रा करने वाले एक लाख लोगों को जाम की समस्या से छुटकारा मिलेगा। शहर से हर दिन लगभग एक लाख लोग नोएडा-गाजियाबाद के लिए काम के लिए जाते हैं। नोएडा और फरीदाबाद में यमुना नदी बहती है। लोगों को दिल्ली से कालिंदीकुंज होकर नोएडा जाना पड़ता है।

आगरा नहर के साथ बनाई गई है, यह सड़क

यह सड़क आगरा नहर के साथ बनाई गई है, इसलिए अक्सर जाम होने से वाहन चालकों को परेशानी होती है। दिल्ली से नोएडा जाने पर भी घंटों तक ट्रैफिक में फंसना पड़ता है। मेट्रो से जाने में कम से कम एक घंटे लगेगा। जिससे लोगों को बहुत परेशानी हो रही है। लोक निर्माण विभाग ने नोएडा की एमएसवी कंपनी को करीब छह महीने पहले एक्सप्रेसवे की डीपीआर बनाने की अनुमति दी थी। एजेंसी ने एक डीपीआर बनाया और उसे लोक निर्माण विभाग को भेजा है, जिसमें तीन अलाइनमेंट नामांकित किए गए हैं।

एनसीआर प्लानिंग बोर्ड में शामिल है परियोजना

एफएनजी को 1998 में एनसीआर प्लानिंग बोर्ड के क्षेत्रीय प्लान में और 2011 के मास्टर प्लान में फरीदाबाद नगर निगम के सुझाव पर शामिल किया गया था। इस योजना को सर्वे के बाद रद्द कर दिया गया था। 2015 में इसे फिर से शुरू करने की योजना बनाई गई थी। लेकिन काम अभी भी शुरू नहीं हुआ है।

पहले भी किया गया, इसका सर्वे

प्रदेश सरकार ने एनजी परियोजना को अपने फ्लैगशिप कार्यक्रम में शामिल किया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने दो साल पहले कार्य में हो रही अत्यधिक देरी को लेकर अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक की थी। जिसमें उन्होंने अधिकारियों को पूरी बहस हल करने और कार्य शुरू करने का आदेश दिया था। बाद में फरीदाबाद महानगर विकास प्राधिकरण और लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने स्थान पर पहुंचकर प्रस्तावित रूट की जांच की। यमुना पर एक पुल बनाने के लिए जगह चुनी गई थी।

ये किए गए हैं, प्रस्तावित मार्ग

PWD ने करीब नौ किलोमीटर लंबा फरीदाबाद रोड का सर्वे पूरा कर लिया है। इसके लिए एक पूरी तरह से नया रास्ता बनाया गया है। रूट की कमियों को शामिल किया गया। पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने बताया कि एफएनजी एक्सप्रेसवे की शुरुआत सेक्टर-88 में निजी अस्पताल से होगी। बाद में ये खेड़ी कलां से लालपुर जाकर यमुना किनारे पहुंचेंगे। जहां इसे नोएडा में मंगरोली गांव से एक पुल से जोड़ा जाएगा।

यमुना नदी पर किया जाएगा, 600 मीटर लंबे पुल का निर्माण

600 मीटर लंबे पुल का निर्माण फरीदाबाद और नोएडा के बीच यमुना नदी पर किया जाएगा। हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकारों ने इस पुल पर 50-50 प्रतिशत बजट खर्च किया जाएगा। ये पुल छह लेन का होगा। यह लगभग 150 से 200 करोड़ रुपये खर्च करेगा। पुल को जोड़ने के लिए दोनों ओर के प्राधिकरण अप्रोच रोड बनाएंगे।

लोक निर्माण विभाग के कार्यकारी अभियंता प्रदीप संधू ने कहा, कंसल्टेंट एजेंसी ने अपनी डीपीआर में तीन विकल्पों का उल्लेख किया है। सरकार को इसकी फाइल जल्द ही मंजूरी के लिए भेजी जाएगी। मंजूरी के बाद किसी एक मार्ग पर काम शुरू होगा।:''

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