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उत्तर प्रदेश के इन 4 शहरों में एयरपोर्ट की तरह बनेंगे बसपोर्ट, एक पर 500 करोड़ रुपये होंगे खर्च

बस अड्डों में एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं दी जाएंगी। सरकार के साथ पीपीपी माडल पर लखनऊ स्थित विभूति खंड के बस अड्डे सहित कौशाम्बी, गाजियाबाद और इलाहाबाद में बसपोर्ट बनाए जाएंगे।आइए जानते है इसके बारे में विस्तार से.

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Busports will be built like airports in these 4 cities of Uttar Pradesh, Rs 500 crore will be spent on one.

Saral Kisan : रीयल एस्टेट सेक्टर कंपनी ओमैक्स लि. लखनऊ सहित यूपी के चार शहरों के बस अड्डों को एयरपोर्ट की तर्ज पर विकसित करेगी। इन बस अड्डों को बसपोर्ट के नाम से जाना जाएगा। ओमैक्स के युवा प्रबंध निदेशक मोहित गोयल ने कहा कि रीयल एस्टेट सेक्टर नोटबंदी, जीएसटी, कोविड और रेरा के झटकों से उबर चुका है। इस सेक्टर की ग्रोथ यूपी में सबसे ज्यादा है। इसीलिए इस राज्य में सभी का फोकस है।

शुक्रवार को रूबरू ओमैक्स के एमडी मोहित गोयल ने प्रदेश में रीयल एस्टेट सेक्टर की संभावनाओं पर बताया कि केवल टीयर-1 ही नहीं बल्कि टीयर-2 और टीयर-3 शहरों में फ्लैट खरीदारों की संख्या में अप्रत्याशित इजाफा हुआ है। उन्होंने बताया कि यूपी में पहली बार बस अड्डों में एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं दी जाएंगी। सरकार के साथ पीपीपी माडल पर लखनऊ स्थित विभूति खंड के बस अड्डे सहित कौशाम्बी, गाजियाबाद और इलाहाबाद में बसपोर्ट बनाए जाएंगे। लगभग तीन से चार साल में तैयार होने वाले इन बसपोर्ट में एयरकंडीशनर वेटिंग लाउंज, टर्मिनल की तरह बसों की लाइव लोकेशन व रूट व टाइम चार्ट, फूड जंक्शन, टिकट व्यवस्था आदि होगी। लखनऊ के बसपोर्ट पर लगभग 500 करोड़ खर्च होंगे।

उन्होंने कहा कि 15 साल पहले यूपी में कारोबार करना जान जोखिम में डालने के बराबर था। डरते-डरते यहां काम करते थेे। हमेशा खौफ रहता था कि कहीं कोई उठाकर न ले जाए। ये हाल राजधानी लखनऊ का था। अब हालात बदल गए हैं इसीलिए सबसे तेेजी से विकास करने वाला राज्य यूपी बन गया है।

अपना घर खरीदने वालों की उम्र 42 से घटकर 36 वर्ष

मोहित गोयल ने बताया कि सोच में बदलाव आया है इसाीलिए रीयल एस्टेट में तेजी आई है। अब कार के बाद पहली प्राथमिकता अपना घर की हो गई है। यही वजह है कि घर खरीदने वालों की औसत आयु 42 वर्ष से घटकर 36 वर्ष हो गई है। साफगोई से कहा कि पहले इस क्षेत्र में कुछ गलत लोग आ गए थे। उन्हीं की वजह से रेरा लाना पड़ा। जिसके बाद 86 फीसदी बिल्डर बाहर हो गए। पिछले कुछ साल में निर्माण लागत 20 फीसदी तक बढ़ी है, जिसकी वजह से घर भी इतने ही महंगे हो गए हैं। उनका लक्ष्य क्वालिटी केे साथ समय पर डिलीवरी देना है।

सिंगल विंडो सिस्टम में और सुधार की जरूरत

ओमैक्स के एमडी ने कहा कि बाजार के लिहाज से यूपी देश में नंबर वन है। उन्होंने कहा कि लैंड बैंक की समस्या बरकरार है। इसे दूर करनेे की जरूरत है। सिंगल विंडो सिस्टम में कमियों का इशारा करते हुए कहा कि इसे ठीक कर दिया जाए तो रीयल एस्टेट सेक्टर अपने आप 5 से 10 फीसदी आगे हो जाएगा। ऐसा हो जाए तो रीयल एस्टेट से जुड़े 250 सेक्टरों का कायाकल्प हो जाएगा।

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