उत्तर प्रदेश में जल्द बनेगा लगभग 30 किमी का रिंग रोड, नोएडा-दिल्ली तक तेज गति से सफर करेंगे यात्री
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Uttar Pradesh : बरेली में झुमका से इन्वर्टिस तक 29.9 किमी लंबे रिंग रोड निर्माण की प्रक्रिया तेज हो गई है. रिंग रोड पर वाहन 100 किमी/घंटा की गति से दौड़ सकेंगे. आपको अब दिल्ली और बंदायू की तरफ व्हीकल बहुत ही आसानी से निकल सकेंगे. नया रिंग रोड बनने वाला है जिसके बाद वाहन फर्राटा भरेंगे.
बरेली की यातायात व्यवस्था जल्दी ही अन्य बड़े शहरों को टक्कर देती दिखेगी देगी. बदायूं, दिल्ली, बरेली शहर की ओर बेधड़क निकल सकेंगे. भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने झुमका से इन्वर्टिस तक प्रस्तावित रिंग रोड निर्माण की कवायद तेज कर दी है. अभी बरेली शहर में रेलवे क्रॉसिंग की वजह से जाम लगता है इस नए रिंग रोड के बनने से बरेली और आसपास के इलाकों के लोगों को इसका फायदा होगा. NHAI ने इसकी पूरी तैयारी की है. बरेली में झुमका से इन्वर्टिस तक 29.9 किमी लंबे रिंग रोड बनने के लिए काम तेज हो गया है. 2192.34 करोड़ रुपये की इस परियोजना में 187 हेक्टेयर भूमि एक्वायर की जा रही है.
इस रफ्तार से दौड़ेगे वाहन
बरेली में झुमका से इन्वर्टिस तक 29.9 किमी लंबे रिंग रोड बनने के बाद इस पर वाहन 100 किलोमीटर/घंटा की गति से दौड़ सकेंगे. 21 गांवों के किसानों को 200 करोड़ रुपये मुआवजा दिया गया है. सड़क निर्माण पर 995.75 करोड़ और भूमि अधिग्रहण पर 863.86 करोड़ खर्च होंगे. इस परियोजना के तहत प्रति एक किमी. मार्ग पर एनएचएआइ की ओर से 73 करोड़ रुपये खर्च किया जाएगा.
17.5 किमी की स्लिप रोड
इसके साथ झुमका, चौबारी व इन्वर्टिस विश्वविद्यालय के पास इंटरचेंज बनाया जाएगा. जिसके बाद कोई भी वाहन बिना गति धीमा किए बदायूं, दिल्ली, बरेली शहर की ओर बेधड़क निकल सकेंगे. परियोजना के तहत रिंग रोड के साथ ही उसके किनारे दोनों ओर करीब 17 किमी का रिंग रोड भी बनाया जाएगा. अलग-अलग गांव की रिंग रोड से कनेक्टविटी बनी रहे इसके लिए 17.5 किमी. का स्लिप रोड बनाया जाएगा. परियोजना के तहत चार आरओबी, सात छोटे ब्रिज, चार बड़े ब्रिज भी बनाए जाएंगे.
तीन जगहों पर ओवरब्रिज
इस जाम से लोगों को बचाने के लिए ही 3 जगहों पर रेलवे ओवरब्रिज बनाए जा सकते हैं. हाईवे और बाईपास के दोनों ओर 17 अंडरपास बनाने की भी योजना है. इस योजना के तहत रिंग रोड का निर्माण करने के लिए 30 गांवों की जमीन खरीदी जाएगी. 21 गांवों के 900 से ज़्यादा किसानों की भूमि खरीद ली गई है. अभी तक करीब 187 हेक्टेयर ज़मीन का अधिग्रहण हुआ है. परियोजना के तहत धंतिया, परसाखेड़ा, बादशाहनगर, बल्ला कोठा, सराय तल्फी एहतमाली, सरनियां, रसूला चौधरी, चौबारी समेत 30 गांव के 900 से अधिक किसानों से 187 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहीत की जा रही है.