उत्तर प्रदेश के इस जिले में 10 गांवों से जमीन अधिग्रहण कर बनेगी आवासीय कॉलोनी
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Uttar Pradesh : मेरठ और हापुड़ जिले के किसानों को बड़ी खुशखबरी मिली है। जहां मेरठ और हापुड़ के बीच एक नया शहर बनाया जाएगा। स्थल चयन समिति ने बिजली बंबा बाइपास और दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे के बीच प्रस्तावित आवासीय योजना को मंजूरी दी है। लखनऊ से एक वरिष्ठ समिति ने इस क्षेत्र का दौरा कर निरीक्षण किया। समिति में पंद्रह लोग थे। स्थानीय अधिकारी भी उपस्थित हैं। इस योजना के लिए दस गांवों में 596 हेक्टेयर जमीन दी जाएगी।
आवासीय कॉलोनी के लिए इन गांवों का किया गया, सर्वे
इन गांवों में एक दल ने आवास विकास परिषद के अपर आवास आयुक्त और सचिव के नेतृत्व में सर्वेक्षण किया। बिजली बंबा बाइपास, रेलवे लाइन, दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे और हापुड़ रोड इस आवासीय परियोजना में शामिल होंगे। अप्रैल में प्रस्ताव मुख्यालय को भेजा गया था। लेकिन समिति ने देखा कि आगे की कार्रवाई करने में देरी हुई।
आवासीय कॉलोनी के लिए उपयुक्त
निर्देशक अभियंता ने कहा कि समिति ने इस जगह को आवासीय कॉलोनी के लिए अनुकूल पाया है। भूमि अधिग्रहण के लिए अब धारा 28 के तहत अधिसूचना जारी की जाएगी। उन्हें यह भी बताया गया कि समिति ने रेलवे लाइन से बाहर की जमीन पर भी आवासीय योजनाओं की खोज की है।
दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे की सुरक्षा में किया जाएगा, सुधार
दूसरी ओर, दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर दो साल से चली आ रही एक समस्या को भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने हल करना शुरू कर दिया है। अब परतापुर इंटरचेंज के रैंप की दीवार पर कंक्रीट और स्टील की मजबूत दीवारें बनाई जा रही हैं। इस रैंप पर हर समय बहुत यातायात रहता है। जिससे यहां खड़े पुलिसकर्मी और स्थानीय लोग भी दुर्घटना की आशंका में थे।
देहरादून बाईपास से एक्सप्रेसवे की ओर जाने वाले परतापुर इंटरचेंज पर रैंप की दीवार में दरारें आ गईं। मिट्टी भरकर रैंप बनाया गया था, और दीवार सीमेंट की प्लेटों से बनाई गई। इन प्लेटों में दो साल पहले ही दरारें आ गई थीं और कुछ स्थानों पर टूटने लगी थीं। इससे चिंता बढ़ गई कि दीवार लंबे समय तक गिर सकती है। जिससे पूरा रैंप खराब हो जाएगा।
कंक्रीट और स्टील से बनेगी, एक नई दीवार
NHAI ने इस समस्या को देखते हुए राड लगाकर प्लेटों को स्थिर करने की कोशिश की। लेकिन वह भी सफल नहीं हुआ। अब सुरक्षा के लिए कंक्रीट और स्टील की दीवारें बनाई जा रही हैं। रैंप की स्थिरता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए