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उत्तर प्रदेश के इस जिले में बनेगी नई कॉलोनी, सात गांवों से ली जाएगी जमीन

UP New Colony Project : अधिग्रहीत जमीन पर परिषद एक आवासीय कॉलोनी बनाएगा। स्ट्रीट लाइट के साथ कॉलोनी में चौड़ी सड़कें होंगी। पार्क होंगे। बिजली लाइनें भूमिगत होंगी। पोस्ट ऑफिस, पेट्रोल पंप, गैस स्टेशन, बैंक और आवश्यक सुविधाओं के लिए जमीन उपलब्ध होगी।
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उत्तर प्रदेश के इस जिले में बनेगी नई कॉलोनी, सात गांवों से ली जाएगी जमीन

Uttar Pradesh : बरेली-दिल्ली हाईवे के किनारे आवास विकास परिषद की परसाखेड़ा आवासीय योजना से सात गांवों की स्थिति बदल जाएगी। इसके तहत परिषद ने टियूलिया और धंतिया में जमीन दी है, जो अब हमीरपुर, वोहित, मिलक इमामगंज, बल्लिया और फरीदापुर में भी दी जाएगी।

अधिग्रहीत जमीन पर परिषद एक आवासीय कॉलोनी बनाएगा। स्ट्रीट लाइट के साथ कॉलोनी में चौड़ी सड़कें होंगी। पार्क होंगे। बिजली लाइनें भूमिगत होंगी। पोस्ट ऑफिस, पेट्रोल पंप, गैस स्टेशन, बैंक और आवश्यक सुविधाओं के लिए जमीन उपलब्ध होगी।

लैंड पूलिंग स्कीम में खेती वाली जमीन किसानों से ली जाएगी। आधी जमीन पर सड़क पार्क, एसटीपी प्लांट और बुनियादी सुविधाएं बनाई जाएंगी। शेष पचास फीसदी जमीन व्यावसायिक और आवासीय उद्देश्यों के लिए उपयोग की जाएगी। योजना में दी गई जमीन का 25% हिस्सा ही इसमें मिलेगा, लेकिन किसानों को उनकी पसंद की जमीन मिलेगी।

182 किसानों ने दी, भूमि एक्वायर करने की सहमति

योजना में जमीन अधिग्रहण के लिए टियूलिया और धंतिया के 182 किसानों ने सहमति दी है। अब पांच नए गांवों को जोड़ा गया है, 561 एकड़ जमीन प्रस्तावित है। टियूलिया ब धंतिया के पास 149 हेक्टेयर जमीन है। पांच गांवों के लिए बाकी जमीन दी जाएगी। सिर्फ दो गांवों ने अभी तक 55 हेक्टेयर जमीन की अनुमति ली है।

लैंड पूलिंग स्कीम के बारे में

लैंड पूलिंग स्कीम में किसान विकसित भूखंड के रूप में अपनी जमीन का 25 प्रतिशत हिस्सा पा सकते हैं। उन्हें इस योजना में स्थल विकास के बदले कोई पैसा नहीं देना होगा। दो गांवों में किसानों ने योजना को लेकर उत्साह दिखाया है।

जिन 182 किसानों ने प्रस्तावित कॉलोनी के लिए सहमति दी है, उनके साथ एग्रीमेंट किया जाएगी। शेष पांच गांवों में जो किसान लैंडपूलिंग स्कीम में जमीन देना चाहते हैं, वे जमीन का हिस्सा निर्धारित करने के बाद सहमति दे सकते हैं. इसके लिए वे दो फोटो, बैंक पासबुक की फोटो स्टेट, आधार कार्ड और जमीन की खतौनी परिषद को दे सकते हैं।

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