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उत्तर प्रदेश के इस जिले में बनेगा 22 किलोमीटर का फ्लाईओवर, इन गांवों से ली जाएगी जमीन

Jaipur-Kota Highway : केंद्र सरकार ने बनास नदी गहलोद पर राज्य सरकार की सिफारिश पर इस हाई ब्रिज को मंजूरी दी। इस हाई ब्रिज की लंबाई दो किमी है, जिसमें दो एप्रोच रोड और 49 पिल्लर बनाए जा रहे हैं। इस हाइब्रिज को बनाने में 134.74 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस वित्तीय वर्ष में शहर के निकट बनास में निर्माणाधीन हाई लेवल ब्रिज का काम पूरा हो जाएगा।
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उत्तर प्रदेश के इस जिले में बनेगा 22 किलोमीटर का फ्लाईओवर, इन गांवों से ली जाएगी जमीन

Rajasthan News : टोंक जिले में बनास नदी में आने वाले पानी के चलते गहलोद के निकट बन रहे हाइब्रिज के काम में देरी हुई। दिसंबर 2024 तक काम पूरा होना था। लेकिन अब मार्च तक निर्माण पूरा होने की उम्मीद है। इसके बाद लोगों को आसानी से जाना होगा। कोटा, बूंदी व टोंक से सांगानेर, बगरू, सीकर, दूदू, सांभर, फुलेरा व नागौर जाने के लिए भी जयपुर नहीं जाना होगा। यह रास्ता शुरू होने पर इन कस्बों-शहरों में सीधा गहलोद, पीपलू वाया फागी होते हुए पहुंच जाएगा।

हाइब्रिज को बनाने में खर्च होंगे, 134.74 करोड़ रुपये

केंद्र सरकार ने बनास नदी गहलोद पर राज्य सरकार की सिफारिश पर इस हाई ब्रिज को मंजूरी दी। इस हाई ब्रिज की लंबाई दो किमी है, जिसमें दो एप्रोच रोड और 49 पिल्लर बनाए जा रहे हैं। इस हाइब्रिज को बनाने में 134.74 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस वित्तीय वर्ष में शहर के निकट बनास में निर्माणाधीन हाई लेवल ब्रिज का काम पूरा हो जाएगा। इससे जयपुर-कोटा राजमार्ग पर वाहनों का भार भी कम होगा।

पीपलू से टोंक आने की घट जाएगी दूरी

पीपलू से टोंक जाने का अभी सिर्फ सोहेला है। पीपलू से टोंक का यह रास्ता करीब 32 किलोमीटर लंबा है। जबकि गहलोद हाइब्रिज बनने पर इसकी दूरी सिर्फ 13 किलोमीटर होगी। यही कारण है कि टोंक से फागी की दूरी 100 किलोमीटर है, लेकिन टोंक से पीपलू की दूरी सिर्फ 48 किलोमीटर है।

बरसात के दिनों में बनास नदी में पानी की आवक होती है, जिससे तीन उपखंडों का सीधा संपर्क टूट जाता है। ऐसे में जिला मुयालय से पीपलू, मालपुरा और टोडारायसिंह के कई गांवों का सीधा संपर्क टूट जाता है। टोंक पर पहुंचने के लिए उन्हें सोहेला से करीब 40 किलोमीटर चलना पड़ता है। हाइब्रिज बनने पर उन्हें कोई समस्या नहीं होगी।

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