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उत्तर प्रदेश में बनेगा 100 किलोमीटर का फोरलेन हाईवे, फटाफट होगा इन जिलों का सफर

UP New Expressway : सुल्तानपुर से अयोध्या के बीच बनाए जाने वाले मार्ग का नक्शा जैसे ही पूरा होगा, सुल्तानपुर-प्रतापगढ़ क्षेत्र के निर्माण का रास्ता साफ हो जाएगा। एक्सप्रेसवे का निर्माण लगभग 900 करोड़ रुपये का होगा। अब प्रतापगढ़ से अयोध्या तक एक राजमार्ग बनाया जाएगा, जो लगभग 100 किमी है। इसे राष्ट्रीय राजमार्ग से भी हरी झंडी दी गई है।
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उत्तर प्रदेश में बनेगा 100 किलोमीटर का फोरलेन हाईवे, फटाफट होगा इन जिलों का सफर

Uttar Pradesh : अब प्रतापगढ़ से अयोध्या तक करीब 100 किमी लंबी राजमार्ग को फोरलेन के बजाय एक्सप्रेसवे बनाने के लिए सरकार ने हरी झंडी दी है।

प्रशासन ने प्रतापगढ़ से सुल्तानपुर तक चार लेन का एक्सप्रेसवे बनाने की अनुमति दी है, जो प्रयागराज-अयोध्या राम वनगमन मार्ग पर पड़ता है। साथ ही, दोनों जिलों के बीच लगभग 40 किमी की दूरी पर एक पहले से बनाए गए टेंडर को भी हरी झंडी मिल गई है। निर्माण कार्य आगे बढ़ने और एक्सप्रेसवे बनने पर यातायात सुचारू होगा।  

सुल्तानपुर से अयोध्या के बीच

सुल्तानपुर से अयोध्या के बीच बनाए जाने वाले मार्ग का नक्शा जैसे ही पूरा होगा, सुल्तानपुर-प्रतापगढ़ क्षेत्र के निर्माण का रास्ता साफ हो जाएगा। एक्सप्रेसवे का निर्माण लगभग 900 करोड़ रुपये का होगा। अब प्रतापगढ़ से अयोध्या तक एक राजमार्ग बनाया जाएगा, जो लगभग 100 किमी है। इसे राष्ट्रीय राजमार्ग से भी हरी झंडी दी गई है।

सड़क निर्माण के टेंडर को भी मंजूरी

साथ ही सुल्तानपुर-प्रतापगढ़ के बीच पहले सड़क निर्माण का टेंडर भी मंजूर हो गया है। ऐसा ही है, सुल्तानपुर से अयोध्या के बीच बनने वाले करीब 60 किमी एक्सप्रेसवे के नक्शे के कारण सरकार ने जमीन अधिग्रहण को रोका है। हालाँकि, सुल्तानपुर से अयोध्या तक चलने वाली राजमार्ग का मिलान कहां किया जाए और प्रतापगढ़ से आने वाली राजमार्ग को सुल्तानपुर में कहां मिलाया जाए।   

11 गांवों से होकर निकलेगा, यह एक्सप्रेसवे

फिलहाल सर्वेक्षण चल रहा है। सर्वे भी एक्सप्रेसवे के रास्ते में कम भवन बनाएगा ताकि मुआवजा बच जाए और लोगों का नुकसान कम हो। सुल्तानपुर-प्रतापगढ़ एक्सप्रेसवे का लगभग 14 किमी का हिस्सा जिले में बनाया जाएगा। एक्सप्रेसवे जिले में कुल ग्यारह गांवों से गुजरेगा। इसके लिए जमीन की पहचान की गई है।   

शासन से आदेश मिलने पर इन पहचानी गई जमीन को प्रकाशित किया जाएगा। इसके बाद विवादों को हल किया जाएगा और अधिग्रहण होगा। निर्माण कार्य शुरू होगा जब जुड़ने वाली जगह निर्धारित होगी।

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