उत्तर प्रदेश में यहां बनेगा 93 किलोमीटर का रिंग रोड, 12 होंगे इंट्री पॉइंट, निर्माण पर खर्च होंगे 10 हजार करोड़
उत्तर प्रदेश सरकार लोगों को बेहतर सुविधा देने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में हाल ही में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक आपको बता दें कि यूपी में यहां 93 किलोमीटर का रिंग रोड बनाया जाएगा। जिसके निर्माण में दस हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे...
Saral Kisan , UP : जाम से जूझते शहर में सुगम यातायात के लिए कानपुर रिंग रोड को धरातल पर उतारने की कवायद चल रही है। मंधना से रमईपुर तक चौथे और पहले चरण के 46.075 किलोमीटर के हिस्से का टेंडर हो चुका है।
रमईपुर से उन्नाव के आटा तक 19.255 किमी हिस्से की टेंडर प्रक्रिया भी लगभग पूरी हो चुकी है। अक्टूबर के पहले सप्ताह में ठेकेदार यानी निर्माण एजेंसी तय हो जाएगी। इसके बाद मंधना से आटा तक 65.075 किमी रिंग रोड के हिस्से के निर्माण की स्थिति साफ हो जाएगी।
93 किलोमीटर लंबी होगी रिंग रोड
एनएचएआइ के अति महत्वाकांक्षी परियोजना में 93.200 किलोमीटर लंबी कानपुर रिंग रोड है, जिसके निर्माण में 10 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस परियोजना के निर्माण कार्य को बेहतर ढंग से कराने के लिए चार चरणों में बांटा गया है। इसमें मंधना से सचेंडी चौथे चरण और सचेंडी से रमईपुर पहले चरण का ठेकेदार तय हो गया है।
राज कंस्ट्रक्शन लिमिटेड को निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी गई है। दूसरे चरण में रमईपुर से उन्नाव के आटा तक की टेंडर प्रक्रिया भी अंतिम चरण में है। इसके बाद तीसरे चरण में आटा से मंधना तक 27.900 किमी के हिस्से की टेंडर प्रक्रिया रह जाएगी। इस हिस्से में भी भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया अंतिम चरण में है।
रिंग रोड में 12 इंट्री प्वाइंट बनाए जाएंगे
भौंती, कानपुर-शिवली रोड, सिंहपुर से बिठूर, मंधना, सचेंडी, रमईपुर-घाटमपुर रोड, डिफेंस कारीडोर, जाजमऊ पुल, चकेरी, चकेरी एयरपोर्ट, शुक्लागंज-उन्नाव रोड, ट्रांसगंगा सिटी रोड ग्राफ बनाएं
इस जिले में इतना हिस्सा
कानपुर नगर 62
कानपुर देहात 4
उन्नाव 27.200 (आंकड़े किलोमीटर में)
3.500 किलोमीटर का पुल गंगा नदी में मंधना के समीप बनेगा।
1.900 किलोमीटर का पुल रूमा-आटा के बीच गंगा नदी पर बनेगा।
09 रेलवे उपरगामी पुल बनेंगे रिंग रोड के पूरे प्रोजेक्ट में।
07 फ्लाईओवर रिंग रोड में बनाए जाएंगे।
कानपुर रिंग रोड के भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। मुआवजा वितरण की कार्रवाई जिला प्रशासन के माध्यम से हो रही है। पहले व चौथे चरण के निर्माण के लिए तय ठेकेदार को भूमि का कब्जा भी दिया जा रहा है। तीसरे चरण का टेंडर भी अंतिम चरण में है, जिसमें ठेकेदार का नाम अक्टूबर के पहले सप्ताह में हो जाएगा।