उत्तर प्रदेश में 3 जिलों के 111 गांवों से गुजरेगा 519 किमी लंबा सिक्स लेन एक्सप्रेसवे

Uttar Pradesh : उत्तर प्रदेश, बिहार और बंगाल को सीधे कनेक्ट करने के लिए गोरखपुर-सिलीगुड़ी ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे, जो 519 किलोमीटर लंबा है, इसकी तैयारियां तेज हो गई हैं। इसके निर्माण की अनुमति दी गई है। बिहार के आठ जिलों में इसका 73% हिस्सा बनाया जाएगा। यह 120 किमी/घंटा की रफ्तार से चलने के लिए बनाया जाएगा। आइये जानते हैं कि यह मार्ग उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में कितनी दूरी तय करेगा और इसका मार्ग चित्र क्या होगा।
भारतमाला परियोजना (Bharatmala Project) के अस्तित्व में आने से देशभर में एक्सप्रेसवे का मकड़जाल बिछाया गया है। पश्चिमी राज्यों को सीधे जोड़ने वाले हाईटेक एक्सप्रेसवे में उत्तर प्रदेश सबसे ज्यादा है। इसी क्रम में बिहार और बंगाल से जुड़ने के लिए 519 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे का निर्माण मंजूर किया गया है। निर्माणाधीन इस नए राजमार्ग से संबंधित जिलों में यातायात के साथ शहरों, कस्बों और गावों का आर्थिक विकास होगा।
गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे रूट मैप
यह गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे है, जो उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से शुरू होकर बिहार में पश्चिम बंगाल की सीमा को पार करेगा। इसके अलावा, गोरखपुर, पूर्णिया और बक्सर से भागलपुर और पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी को सीधे कनेक्ट करेगा। इसके निर्माण से तीन राज्यों के लोगों को बेहतर सुविधाएं और कम समय में यात्रा की सुविधा मिलेगी।
बिहार में कितने एक्सप्रेसवे
बिहार में चार राजमार्गों का निर्माण जल्द शुरू हो जाएगा। इसके अंतर्गत गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे (519 किमी), रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेस-वे (650 किमी), पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे (बक्सर से पटना होते हुए भागलपुर तक 345 किमी) और पटना-पूर्णिया एक्सप्रेस-वे (215 किमी) को विकसित कर सफर को सुगम बनाया जाएगा।
गोरखपुर सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे के जिले
गोरखपुर सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे बिहार के दरभंगा, चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, किशनगंज, सुपौल और फारबिसगंज को सीधे कनेक्ट करेगा, जो 417 किलोमीटर की दूरी पर बना है। राज्य के 39 प्रखंडों में 313 गांव इसमें शामिल होंगे। गंडक और कोसी नदी के पुल को फिर से बनाने की योजना इस परियोजना में शामिल है। हाइटेक रोड के निर्माण में बिहार में 27,552 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। एक्सेस कंट्रोल ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे पर वाहन 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकते हैं।
गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे के गांव
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर, कुशीनगर और देवरिया जिलों में 111 गांवों को जमीन दी गई है. इनमें चौरी-चौरा तहसील के 14 गांव, कुशीनगर की हाटा तहसील के 19 गांव, तमकुहीराज तहसील के 42 गांव और कसया तहसील के 13 गांव शामिल हैं। देवरिया जिले की सदर तहसील में 23 गांवों के कृषकों को जमीन दी गई है। उधर, यह एक्सप्रेसवे बरेली-गोरखपुर एक्सप्रेसवे से एक पैरलर सड़क मार्ग से जुड़ा होगा।
गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे की लंबाई
गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश में 84.3 किलोमीटर, बिहार में 417 किलोमीटर और पश्चिम बंगाल में 18 किलोमीटर का होगा। वर्तमान में गोरखपुर-सिलीगुड़ी को एक सीधा सड़क मार्ग नहीं है। जैसे, अभी सफर करने में 15 घंटे लगते हैं। लेकिन इस सड़क के निर्माण से 15 घंटे का सफर सिर्फ छह घंटे में पूरा हो सकेगा। इस परियोजना को विकसित करने के लिए 37,645 करोड़ का बजट निर्धारित किया गया है।
गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे किनारे रोजगार
गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे के निर्माण से तीनों राज्यों में पड़ने वाले शहरों, कस्बों और गांवों में रोजगार की संभावनाएं बढ़ जाएंगी। एक्सप्रेसवे के किनारे औद्योगिक इकाईयां, होटल, रेस्तरां, ढाबे, मंडियां, पेट्रोल पंप, बाजार और स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा। स्थानीय लोग अपने छोटे-छोटे उद्यमों को बढ़ावा देकर अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर सकेंगे।