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उत्तर प्रदेश के 4 एक्सप्रेसवे के किनारे लगाई जाएंगी 500 उद्योगिक इकाइयां, 4000 करोड़ होंगे खर्च, 5 हजार एकड़ जमीन का होगा अधिग्रहण

UP News : यूपी के इन 4 एक्सप्रेस वे को लेकर बड़ा अपडेट जारी किया है, इस एक्सप्रेसवे पर नए औद्योगिक गलियारे बनाए जाएंगे और इसके आसपास 500 औद्योगिक इकाइयां विकसित की जाएंगी, इस प्रोजेक्ट पर करीब 4000 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
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500 industrial units will be set up along 4 expressways of Uttar Pradesh, Rs 4000 crore will be spent, 5 thousand acres of land will be acquired.

Saral Kisan, UP : उद्योगों को रफ्तार देने के लिए डिफेंस और इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के बाद एक्सप्रेसवे औद्योगिक गलियारे (Expressway Industrial Corridor) कागजों से बाहर निकलकर जमीन पर उतरने लगे हैं। बुंदेलखंड, आगरा-लखनऊ, पूर्वांचल और गंगा एक्सप्रेस वे के दोनों तरफ औद्योगिक पार्कों की स्थापना को हरी झंडी मिल गई है। इससे प्रदेश में 500 से ज्यादा बड़ी औद्योगिक इकाइयों के खुलने का रास्ता भी साफ हो गया है।

यूपीडा इन चारों एक्सप्रेसवे के इंट्री व एग्जिट प्वॉइंट पर गलियारे के निर्माण के लिए 100-100 एकड़ जमीन का अधिग्रहण करेगा। गंगा एक्सप्रेस- वे से इसका आगाज हो गया है। 500 बड़ी इकाइयों की स्थापना को ध्यान में रखकर इस मेगा प्रोजेक्ट में करीब 4000 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसको लेकर कार्ययोजना तैयार हो गई है। इसमें एक्सप्रेसवे के सहारे उद्योगों के विकास का ब्लू प्रिंट बनाया गया है।

एक्सप्रेसवे के इंट्री और एग्जिट प्वाइंट (Entry and exit points of the expressway) पर उद्योग लगाने के लिए कॉन्सेप्ट प्लान, परस्पेक्टिव प्लान, प्री फिजिबिलिटी और डीपीआर तैयार करने का जिम्मा यूपीडा को सौंपा गया है। योजना से जुड़े सूत्रों का कहना है कि औद्योगिक गलियारे के लिए पहले चरण में सौ-सौ एकड़ जमीन अधिग्रहण के बाद दूसरे चरण में मांग के अनुरूप और जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा।

यूपीडा के मुताबिक चारों एक्सप्रेसवे के किनारे खड़ी होने वाली इकाइयां राज्य के किसी भी कोने में अधिकतम 12 घंटे में अपने उत्पाद पहुंचाने में सक्षम होंगी। इससे सबसे ज्यादा विकास लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउस सेक्टर का होगा। इसी के साथ इनमें भंडारण वाले उत्पादों की मांग में तेजी आएगी। एक्सप्रेसवे के औद्योगिक गलियारों के जरिए फल-सब्जी व डेयरी उत्पादों सहित ऐसी वस्तुओं के परिवहन की रफ्तार तीन गुना तक बढ़ जाएगी। इससे इन उत्पादों के खराब होने की दर में कमी आएगी। किसानों को अपने उत्पाद पर अधिक लाभ मिलने के साथ ही उनको नुकसान भी कम होगा।

लैंड बैंक भी बनाएंगे: यमुना और आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के लिंक प्वाइंट पर भी औद्योगिक गलियारा स्थापित होगा। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के किनारे फिरोजाबाद व मैनपुरी, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के किनारे बाराबंकी और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के किनारे चित्रकूट में जमीन ली जा रही है।

बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के किनारे पहला इंडस्ट्रियल कॉरिडोर जालौन में और दूसरा बांदा में विकसित होगा। औद्योगिक पार्कों के अलावा, राज्य सरकार ने राज्य में एक्सप्रेसवे और राजमार्गों के किनारे भूमि बैंक विकसित करेगी। इसी तरह बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे और पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के किनारे सात नये इंडस्ट्रियल कॉरिडोर विकसित किए जा रहे हैं। इनमें से पांच पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के किनारे और दो बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के किनारे होंगे। इसकी शुरुआत लखनऊ से होगी।

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