NCR के इस शहर में हर महीने बन रही 5 अवैध कॉलोनियां, अब एक्शन में सरकार
NCR - हाल ही में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक आपको बता दें कि एनसीआर के इस शहर में हर महीने पांच अवैध कॉलोनियां बन रही है। ऐसे में मिली जानकारी के मुताबिक आपको बता दें कि अवैध निर्माण कार्यों और को रोकने के लिए हरियाणा सरकार ने एक ब्यूरो का गठन किया है।
Saral Kisan : अवैध निर्माण कार्यों और को रोकने के लिए हरियाणा सरकार ने एक ब्यूरो का गठन किया है। इसके जरिये मुख्य रूप से अवैध कॉलोनियों पर शिकंजा कसा जाएगा। विभिन्न विभाग के अधिकारी एकीकृत रूप से काम करेंगे। अवैध खनन, शराब का अवैध कारोबार पर भी ब्यूरो नजर रखेगा। हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने सरकारी विभाग के अधिकारियों को इस पर गम्भीरता से काम करने के आदेश जारी किए हैं।
फरीदाबाद जिले में अवैध कॉलोनियां काटने का सिलसिला थम नहीं रहा है। पिछले दस साल में करीब 553 अवैध कॉलोनियां विकसित हो गईं। पिछले साल हुए सर्वे में इसका खुलासा हुआ था। टाउन एंड कंट्री विभाग ने हरियाणा सरकार के आदेश पर यह सर्वे किया था, जिसकी रिपोर्ट इसी साल जनवरी में सरकार को भेजी गई थी। चिंता की बात यह है कि सबसे ज्यादा अवैध कॉलोनियां ग्रेटर फरीदाबाद में काटी जा रही हैं। सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक जिले में हर महीने औसतन पांच अवैध कॉलोनियां काटी जा रही हैं।
112 कॉलोनियां अरावली इलाके में काट दी थी
सरकार के आदेश पर ड्रोन से हुए सर्वे में 553 अवैध कॉलोनियों की पहचान की गई थी। मौका मुआयना (ग्राउंड टूरीथिंग रिपोर्ट) करने के लिए टाउन एंड कंट्री प्लांनिग विभाग ने उपरोक्त कॉलोनियों की सूची नगर निगम को भेजी थी। सूत्रों के मुताबिक, मौका मुआयना करने के बाद 214 ऐसी अवैध कॉलोनियां मिली थी, जो नियमित करने के लिए हरियाणा सरकार की तरफ से तय मापदंडों पर खरी नहीं उतरीं। लिहाजा, उनको टाउन एंड कंट्री प्लांनिग विभाग की सूची से हटा दिया गया था।
इनमें करीब 112 अवैध कॉलोनियां अरावली के वन आरक्षित क्षेत्र में मिली हैं। ये ऐसी अवैध कॉलोनियां थीं, जो लोगों ने सरकारी जमीन पर कब्जा करके बसा दीं और ऐसी कॉलोनी भी इनमें शामिल थी, जो जहां लोगों ने अपनी मलकियत पर अवैध निर्माण कर लिया, पंजाब भूमि संरक्षण अधिनियम के तहत वह क्षेत्र वन आरक्षित में आता है ऐसे क्षेत्र में गैर वानिकी कार्य नहीं किया जा सकता है।
ये पढ़ें : गाड़ी में CNG भरवाते समय नीचे उतरना क्यों है जरूरी, यह हैं असली वजह