उत्तर प्रदेश के 5 जिले होंगे नई रेलवे लाइन से कनेक्ट, 32 नए स्टेशन और 4 जंक्शन बनेंगे

Uttar Pradesh : पूर्वी रेलवे की खलीलाबाद-बहराइच नई रेल लाइन परियोजना संतकबीरनगर, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, श्रावस्ती और बहराइच सहित पांच राज्यों को जोड़ेगी। 1148 हेक्टेयर भूमि पर 241.6 किमी लंबी यह नई रेल लाइन पिछड़े क्षेत्रों में यातायात को आसान बनाएगी और रोजगार के अवसर देगी।
इस रेल लाइन का निर्माण तीन चरणों में किया जाएगा। रेलवे की पहली चरण में खलीलाबाद से बांसी तक 54.40 किमी की लाइन का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। पहली चरण का निर्माण कार्य वर्ष 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
पहले चरण में, खलीलाबाद से बांसी तक रेलवे लाइन बनाने के लिए 237 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण की गई है। 203 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण की जा चुकी है, जिस पर निर्माण कार्य चल रहा है। शेष 34 हेक्टेयर जमीन की अधिग्रहण प्रक्रिया अंतिम चरण में है। 20 ए और ई इसके लिए प्रकाशित हो चुके हैं। दूसरे चरण में, बांसी से श्रावस्ती तक 115 किमी की रेलवे लाइन बनाने के लिए 569 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण की जरूरत है। अधिग्रहण जारी है।
तीसरे चरण में, श्रावास्ती से बहराइच तक 72.20 किमी की रेलवे लाइन बनाने के लिए 342 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण की जानी है। 20 वीं सदी में बहराइच जिले के सभी गांवों की जमीन प्रकाशित हुई है। 20 ए श्रावस्ती जिले के इकौना व जमुनहा तहसील के गांवों का प्रकाशन है। रेलवे के एक विशिष्ट परियोजना में शामिल इस रेल लाइन के निर्माण की प्रक्रिया भी तेज हो गई है। निर्माण कार्यों के साथ-साथ जमीन का अधिग्रहण भी तेजी से हो रहा है।
नई रेल लाइन पर बनेंगे, 32 स्टेशन व चार जंक्शन
खलीलाबाद-बहराइच नई रेल लाइन में 32 स्टेशन होंगे, जिसमें चार जंक्शन, 16 क्रासिंग और 12 हाल्ट स्टेशन होंगे। रेलवे स्टेशनों में बहराइच, आजातपुर, धुंसवा बरडेहरा, हरिहरपुर, भिनगा, बिशुनपुर रामनगर, लक्ष्मनपुर, एकौना, श्रावस्ती, हसुवाडोल, झारखंडी, बलरामपुर, खगई जाेत, महेशबारी, श्रीदत्त गंज, कपऊशेरपुर, ऊतरौला, चिरकुटिहा परिमनिहा, बंजरहा, धनखरपुर, डुमरियागंज, टिकरिया, भागोभार, रम 32 बड़े पुल और 86 छोटे पुल भी बनाए जाएंगे, जो दो महत्वपूर्ण बड़े पुल हैं। इस रेलवे लाइन पर 132 अंडरपास और नौ ओवर ब्रिज भी बनाए जाएंगे।
160 की गति वाली बिछाई जा रही, रेल लाइनें
आनंदनगर-महराजगंज-घुघली या सहजनवां-दोहरीघाट और खलीलाबाद-बहराइच की नई ट्रेन हो सकती है। रेल लाइन बिछने से विद्युतीकरण भी होगा। यह सभी रेलवे लाइनें 160 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चल सकती हैं। ताकि भविष्य में इन नई रेल लाइनों पर वंदे भारत जैसे गतिमान ट्रेनें भी चल सकें। पूर्वोत्तर रेलवे की मुख्य लाइन बाराबंकी-गोरखपुर-छपरा, जो 425 किमी है, 160 किमी प्रति घंटे की गति के लिए बनाई जा रही है। पूर्वोत्तर रेलवे में ट्रेनें अधिकतम 110 किमी/घंटा चल सकती हैं।
खलीलाबाद-बांसी-बलरामपुर-बहराइच नई रेल लाइन परियोजना का पहला चरण खलीलाबाद से बांसी तक कार्य पूरा करना है, जिसके लिए 80 प्रतिशत से अधिक जमीन अधिग्रहीत की गई है। काम तेजी से पूरा हो रहा है। भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया अभी भी प्रगति पर है, इसलिए बाकी दो चरणों में अतिरिक्त काम किया जाएगा। इस रेलवे लाइन के बनने से बहुत से लोगों को फायदा होगा और क्षेत्र में विकास और प्रगति होगी।