UP के इस बड़े शहर में बनने जा रहे हैं 2 नए एक्सप्रेसवे, 12 गांवों की जमीन होगी अधिग्रहण
UP : ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में नए आए सीईओ रवि कुमार एनजी ने ग्रेटर नोएडा शहर करीब 12 साल से अधिक समय से फाइलों में लटकी पड़ी मैन कनेक्टिविटी पर काम करना शुरू कर दिया है। उन्होंने प्रोजेक्ट विभाग से इन दोनों मेजर कनेक्टिविटी के बारे में पूरी डिटेल मांगी है।
इनमें सबसे बड़ी मेजर कनेक्टिविटी परी चौक से लेकर ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी दफ्तर के सामने से होते हुए बोड़ाकी रेलवे स्टेशन वाली लाइन है। दूसरा एलजी गोल चक्कर से सीधे नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे को नोएडा सेक्टर-147 को जोड़ने वाला एक्सप्रेसवे शामिल है।
पहला एक्सप्रेसवे-
परी चौक से लेकर ग्रेटर नोएडा फेस-2 के जारचा तक बनने वाले 105 मीटर चौड़े एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने 12 गांवों की जमीन वर्ष 2012 में किसानों से सीधे खरीदी थी। जमीन खरीदने के बाद ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी इस एक्सप्रेसवे को बनाना भूल गई। अथॉरिटी के अधिकारी पैसा कमाने के लिए दूसरे कामों में व्यस्त हो गए।
जिससे फेस-2 एरिया को कनेक्टिविटी नहीं मिल पाई। करीब 10 हजार करोड रुपए से अधिक पैसा अथॉरिटी ने जमीन खरीदने में खर्च कर दिया। फिलहाल वक्त में इस जमीन पर लोगों ने अवैध कब्जा कर लिए है। अथॉरिटी को एक्सप्रेसवे बनाने के लिए जमीन मिलना मुश्किल हो जाएगा। फिलहाल यह एक्सप्रेसवे मेट्रो डिपो तक बना हुआ है। इससे आगे किसानों ने खरीदी गई जमीन पर कब्जा कर रखा है।
दूसरा एक्सप्रेसवे-
दूसरी ओर परी चौक पर वाहनों के बढ़ते बोझ को कम करने के लिए एलजी गोल चक्कर से लेकर सीधे नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे से जोड़ने को लेकर एक रोड बनाया जाना है। इस रोड को बनाने के लिए हिंडन नदी पर कई सालों से पुल का निर्माण कार्य चल रहा है, लेकिन एलजी गोलचक्कर से आगे इस रोड के बनाने में टीसिरिज कंपनी की जमीन आडे आ रही है। इस कंपनी और अथॉरिटी के बीच कोर्ट में मामला चल रहा है। एक साइड रोड चल पा रही है। दूसरी साइड की रोड विवाद के चलते बंद पडी हुई है। वहीं, हिंडन पुल को जोड़ने के लिए ग्रेटर नोएडा की ओर जमीन नहीं खरीदी गई है। जिस पर हिंडन नदी के पुल से कनेक्ट किया जा सके। यह दोनों लेजर कनेक्टिविटी नए सीईओ बना पाएंगे या नहीं यह तो आने वाला समय ही बताएगा।
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