Rajasthan News: राजस्थान की 4 लाख हैक्टेयर से ज्यादा ओरण जमीन पर बनेगी डीम्ड फोरेस्ट भूमि

Rajasthan Oran land : वर्षों पहले गांवों में मंदिरों और देवस्थानों के आसपास खेती से मुक्त जमीन संस्कृत के अरण्य शब्द से ओरण बना है, जिसका अर्थ है वनक्षेत्र या वनभूमि। ओरण ज़मीन जैव विविधता की एक खान है।
 

Saral Kisan (Rajasthan News) : अब वन विभाग लाखों हैक्टेयर भूमि, जो सदियों से ओरण के नाम से सुरक्षित है, को डीम्ड फोरेस्ट घोषित करने की तैयारी में है। इसके लिए वन विभाग ने राज्य के तीस दो जिलों में चार लाख हैक्टेयर से अधिक जमीन को चिह्नित कर नोटिफिकेशन जारी किया है। विज्ञप्ति के माध्यम से विभाग ने आम लोगों से आपत्ति और सुझाव भी मांगे हैं। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश की ओरण भूमि को डीम्ड फोरेस्ट में बदलने का निर्णय लिया है।

क्या है ओरण भूमि

वर्षों पहले गांवों में मंदिरों और देवस्थानों के आसपास खेती से मुक्त जमीन संस्कृत के अरण्य शब्द से ओरण बना है, जिसका अर्थ है वनक्षेत्र या वनभूमि। ओरण ज़मीन जैव विविधता की एक खान है। यहां पशु-पक्षी स्वछंद विचरण करते हैं क्योंकि इन जगहों पर खेती और पेड़ों की कटाई नहीं होती। पशु-पक्षियों के लिए ओरण एक वरदान है।

पश्चिमी जिलों में सबसे अधिक

वन विभाग ने जारी किए गए नोटिफिकेशन के अनुसार, पश्चिमी राजस्थान के जिलों में अधिकांश ओरण भूमि है। जैसलमेर जिले में 2,02,130 हैक्टेयर, बाड़मेर जिले में 82,997 हैक्टेयर, फलौदी में 31,669 हैक्टेयर, बालोतरा में 18,301 हैक्टेयर, जोधपुर में 9,588 हैक्टेयर, बीकानेर में 13,135 हैक्टेयर और नागौर जिले में 2,782 हैक्टेयर ओरण भूमि है। पश्चिमी जिलों में भी हजारों बीघा ओरण हैं।

क्या आएगा बदलाव

वन विभाग ने कहा कि ओरण को डीम्ड फोरेस्ट घोषित करने का एकमात्र उद्देश्य पेड़ों और जीवों को बचाना है। यानी वर्तमान में ओरण भूमि का उपयोग जारी रहेगा। DMF घोषित होने के बाद लोग खनन और पक्का निर्माण नहीं कर पाएंगे। पक्की सड़क बनाने के लिए फोरेस्ट कंजर्वेशन एक्ट की अनुमति चाहिए। ग्रामीण लोग ओरण में घास लगाना चाहते हैं तो इसके लिए अनुमति नहीं चाहिए।

जाने, कौनसे जिले में कितनी ओरण भूमि

जिला - ओरण भूमि

अजमेर - 1762.19 हेक्टेयर
भीलवाड़ा - 581.7655 हेक्टेयर
टोंक - 122.31 हेक्टेयर
नागौर - 2582.73207 हेक्टेयर
डीडवाना-कुचामन - 1318.1142 हेक्टेयर
पाली - 2816.5759 हेक्टेयर
चूरू - 1757.3051 हेक्टेयर
बारां - 1194.2583 हेक्टेयर
कोटा - 163.96 हेक्टेयर
बूंदी - 61.72 हेक्टेयर
जयपुर - 269 हेक्टेयर
जैसलमेर - 2,02,230.9326 हेक्टेयर
सवाई माधोपुर - 2556.1 हेक्टेयर
करौली - 5.47 हेक्टेयर
डीग - 455.34 हेक्टेयर
दौसा - 75 हेक्टेयर
अलवर - 151.76 हेक्टेयर
नीम का थाना - 14 हेक्टेयर
झुंझुनूं - 237.3812 हेक्टेयर
बीकानेर - 13,135.70 हेक्टेयर
हनुमानगढ़ - 2062.255 हेक्टेयर
अनूपगढ़ - 37.38 हेक्टेयर
झालावाड़ - 32.8009 हेक्टेयर
जोधपुर - 9588.34 हेक्टेयर
सांचौर - 723.49 हेक्टेयर
जालोर - 2014.15 हेक्टेयर
बाड़मेर - 82,997.50913 हेक्टेयर
बालोतरा - 18,301.35236 हेक्टेयर
फलौदी - 31,669.32 हेक्टेयर
सिरोही - 1379.89 हेक्टेयर
बांसवाड़ा - 24 हेक्टेयर

डीम्ड फोरेस्ट बनेगी

हां, यह सही है कि ओरण क्षेत्र को डीम्ड भूमि कहा जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार यह कार्य किया जा रहा है, इसके लिए नोटिफिकेशन जारी किया गया है। डीम्ड फोरेस्ट घोषित होने के बाद कोई भी पक्का काम करने से पहले वन विभाग से फोरेस्ट कंजर्वेशन एक्ट के तहत अनुमति लेनी होगी।

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