जयपुर से जोधपुर तक दौड़ेंगे इलेक्ट्रिक इंजन, सिर्फ 25 किलोमीटर बचा रेलवे लाइन विद्युतीकरण का काम

विद्युतीकरण हो जाने के बाद प्रतिदिन डीजल के लाखों रुपए बचेंगे और पर्यावरण को नुकसान होने से भी बचेगा. वर्तमान समय में कुचामन से फुलेरा के मध्य में कार्य तेजी से प्रगति पर चल रहा है.
 

Jaipur News : राजस्थान में जोधपुर से लेकर जयपुर तक वर्तमान समय में रेलवे डीजल इंजनों द्वारा ट्रेनों का संचालन कर रहा है. इलेक्ट्रिक इंजनों को दौड़ने की तैयारी रेलवे द्वारा तेजी से की जा रही है. आपको बता दें कि जोधपुर से मकराना तक इलेक्ट्रिक का कार्य पूरा हो चुका है. और वहां ट्रायल भी किया जा चुका है. अब बचे हुए 25 किलोमीटर का कार्य भी जोरों शोरों से चल रहा है.

जून के महीने से जोधपुर और जयपुर के बीच इलेक्ट्रिक इंजन का संचालन शुरू हो सकता है. इस मार्ग पर डेगाना से राइकाबाग 146 किलोमीटर पर 808 करोड़ और डेगाना से फुलेरा तक 108 किलोमीटर 1007 करोड़ खर्च से कार्य पूरा होने के साथ ही डबल लाइनों पर ट्रेनों का संचालन में में शुरू हो गया था. 

नागौर जिले के लोगों को लाभ

इस रेलवे लाइन के विद्युतकरण का काम पूरा हो जाने के बाद आवागमन का समय और डीजल की भी बचत होगी. विद्युतीकरण हो जाने के बाद प्रतिदिन डीजल के लाखों रुपए बचेंगे और पर्यावरण को नुकसान होने से भी बचेगा. वर्तमान समय में कुचामन से फुलेरा के मध्य में कार्य तेजी से प्रगति पर चल रहा है. दोहरीकरण के साथ-साथ विद्युतीकरण का कार्य पूरा हो जाने के बाद जोधपुर से जयपुर के बीच डबल लाइन के साथ ही इलेक्ट्रिक इंजनों से ट्रेनों का संचालन होने से नागौर जिले के लोगों को लाभ फायदा मिलेगा.

नागौर जिला इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि जोधपुर मंडल का ज्यादातर भाग इस जिले में से ही गुजरता है. नागौर जिले से देश के चार महानगर मुंबई कोलकाता चेन्नई दिल्ली सीधे तौर पर रेलवे से जुड़े हुए हैं. इलेक्ट्रिक कार्य पूरा हो जाने के बाद यात्रियों को सबसे बड़ा फायदा मिलेगा. दोनों शहरों के बीच यात्रा करने का समय कम हो जाएगा इसके अलावा रेलवे का रोजाना लाखों रुपए का डीजल भी बचेगा.