राजस्थान में खुला सीएनजी हाइड्रो टेस्टिंग सेंटर, अब जांच के लिए दिल्ली-कोटा नहीं जाना पड़ेगा

Rajasthan News : राजस्थान में सीएनजी वाहनों को अब सीएनजी हाइड्रो जांच के लिए दूसरे राज्यों और कोटा नहीं जाना पड़ेगा। राजधानी में दो सीएनजी हाइड्रो जांच केंद्र खुल गए हैं। पहला केंद्र ग्रीन इंडिया सॉल्यूशन के नाम से सीकर रोड स्थित राजावास में खोला गया है।
 

Rajasthan News : राजस्थान में सीएनजी वाहनों को अब सीएनजी हाइड्रो जांच के लिए दूसरे राज्यों और कोटा नहीं जाना पड़ेगा। राजधानी में दो सीएनजी हाइड्रो जांच केंद्र खुल गए हैं। पहला केंद्र ग्रीन इंडिया सॉल्यूशन के नाम से सीकर रोड स्थित राजावास में खोला गया है। इसके संचालक आशीष कुमावत ने बताया कि केंद्र खुलने के बाद लोगों को अब सीएनजी वाहनों के सिलेंडर जांच के लिए दिल्ली और कोटा नहीं जाना पड़ेगा। सिलेंडर जांच का शुल्क 2500 रुपए है। दूसरा केंद्र सीकर रोड स्थित टोल प्लाजा के पास खुला है। 

आपको बता दें कि एक कार में लगे 12 किलो के सीएनजी सिलेंडर का वजन 65 किलो होता है। इसमें एक बार में 10 किलो तक की जांच की जा सकती है। सीएनजी सिलेंडर की जांच। यह सीएनजी के साथ आता है, जबकि इसमें 60 लीटर पानी भरा जा सकता है।  पिछले एक साल से यहां 450 वाहनों के सीएनजी सिलेंडर की जांच की जा चुकी है।

कितने साल में करवानी है जांच 

राजस्थान सीएनजी सिलेंडर हाइड्रो टेस्टिंग सेंटर के निदेशक मुकेश कुमार प्रजापत ने बताया कि एक सीएनजी सिलेंडर की लाइफ करीब 20 साल होती है, जिसकी हर 3 साल में जांच की जाती है। इस तरह सिलेंडर की करीब 7 बार जांच की जाती है। इसमें कंपनी से निकलते समय दो बार जांच की जाती है। सबसे पहले सिलेंडर को जांच के लिए डी-गैस एरिया में ले जाया जाता है। गैस निकलने के बाद सिलेंडर को पानी के प्रेशर से साफ किया जाता है। उसके बाद सिलेंडर में पानी भरकर 300 से 340 किलो का प्रेशर देकर जांच की जाती है। दरअसल, पुराने वाहनों के सिलेंडर में गैस भरते समय रिफिलिंग के दौरान उसमें 0.1 प्रतिशत पानी या अन्य गैस आने की आशंका रहती है। ऐसे में यह 0.1 प्रतिशत अन्य गैस या पानी काले पदार्थ में बदल जाता है, जो सफाई के दौरान बाहर आ जाता है।