देसी शराब क्यों बन जाती है जहरीली, इसमें ऐसा क्या मिलाया जाता है? जानिए

Desi Sharab VS English Whisky : कुछ लोगों को देसी शराब पीना पसंद होता है तो वहीं कुछ लोग अंग्रेजी शराब पीना पसंद करते हैं। अंग्रेजी शराब की बात करें तो व्हिस्की, रम, वोदका समेत कई प्रकार की आती है। वही देसी शराब के भी कई प्रकार आते हैं। कई बार देसी शराब जहरीली हो जाती है और इसके कारण लोगों को काफी नुकसान उठाना पड़ता है। आखिर ऐसा किस वजह से हो जाता है आज हम आपको इसके पीछे का बड़ा कारण बताने वाले हैं।
 

Liquor Update : दुनिया भर में बहुत से लोग शराब पीने का शौक रखते हैं। लेकिन हर किसी को अलग-अलग शराब पीना पसंद होता है। इनमें से कुछ लोगों को देसी शराब पीना पसंद होता है तो वहीं कुछ लोग अंग्रेजी शराब पीना पसंद करते हैं। अंग्रेजी शराब की बात करें तो व्हिस्की, रम, वोदका समेत कई प्रकार की आती है। वही देसी शराब के भी कई प्रकार आते हैं। कई बार देसी शराब जहरीली हो जाती है और इसके कारण लोगों को काफी नुकसान उठाना पड़ता है। आखिर ऐसा किस वजह से हो जाता है आज हम आपको इसके पीछे का बड़ा कारण बताने वाले हैं।

देसी शराब

दुनिया भर में शराब पीने वालों की कमी नहीं है। आप कहीं भी जाएंगे आपको शराब का शौक रखने वाले लोग बहुत मिल जाएंगे। इनमें से कुछ लोग ऐसे मिलेंगे जो महंगी शराब पीना पसंद करते हैं तो वहीं कुछ लोग ऐसे होंगे जो देसी शराब पीना पसंद करते हैं। अगर ग्रामीण और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की बात की जाए तो वह देसी शराब को पीना पसंद करते हैं। क्योंकि देसी शराब अंग्रेजी शराब की तुलना में काफी सस्ती मिल जाती है।

क्यों हो जाती है, जहरीली

देश भर के अलग-अलग राज्यों में पॉलिसी के हिसाब से देसी शराब की दुकान खोली जाती है। इसके लिए सरकार द्वारा लाइसेंस जारी किया जाता है। लेकिन इसके साथ-साथ आपको कई जगह ऐसी मिल जाएगी जहां पर अवैध रूप से भट्टी चला कर शराब बनाई जाती है। यह खासकर आपको पिछड़े और ग्रामीण इलाकों में मिलेगा। इन जगहों पर मिलने वाली देसी शराब को अक्सर दारू बोला जाता है। लेकिन कई बार अवैध रूप से चलाई जा रही भट्टी में बनाई गई शराब जहरीली हो जाती हैं। जिससे लोगों को जान का खतरा बन जाता है।

दारू बनाने का तरीका

जानकारी अनुसार बता दे कि देसी और अंग्रेजी शराब बनाने में कोई खास फर्क नहीं होता है। दशकों से इस तरह की शराब को खास तरीके से बनाया जा रहा है। देसी शराब को बनाने के लिए कई तरह के परंपरागत तरीके अपनाए जाते हैं। देसी शराब को अधिकतर कृषि उत्पादों से बनाया जाता है। अक्सर आपको देखने को मिलेगा कि देसी शराब आपको पॉलिथीन या फिर प्लास्टिक की बोतलों में मिलेगी। भारत में देसी शराब को अलग-अलग हिस्सों के हिसाब से अलग-अलग नाम से जाना जाता है।

क्यों होती है, खतरनाक

भारत में सबसे अधिक देसी शराब की बिक्री होती है। जो बिकने वाली शराब का करीबन दो तिहाई हिस्सा है। एक रिपोर्ट के अनुसार बता दें कि भारत में करीबन 242 मिलियन देसी शराब की बोतल बिकती है। शराब उद्योग की बात करें तो इसका करीबन 30% हिस्सा देसी शराब का है। देसी शराब में अल्कोहल की मात्रा 42.5% होती है। देसी शराब को एक बार से अधिक डिस्टिल नहीं किया जाता है। जिसके कारण यह काफी हानिकारक होती है।

अवैध शराब

ऑल इंडिया ऑफ मेडिकल साइंस की अधीक्षक ने बताया कि अवैध रूप से तैयार की जाने वाली शराब में जिन चीजों का इस्तेमाल किया जाता है। वह एथिल अल्कोहल की जगह मैथिल अल्कोहल का बदलाव हो जाता है। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि जैसे ही शराब एथिल अल्कोहल की बजाय मैथिल अल्कोहल में तब्दील हो जाती है। वह जहरीली हो जाती है। जिस शराब के अंदर मौजूद एल्किल का सीधा प्रभाव दिमाग पर पड़ता है।